शिरोमणि अकाली दल (SAD) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Badal) ने अगले साल पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों की जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है. इसी के चलते उन्होंने वादों और घोषणाओं की झड़ी लगा दी है. खास बात ये है कि इस बार शिअद विधानसभा चुनाव मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में लड़ने वाली है. बादल ने वादा किया है कि अगर शिअद सत्ता में आती है तो 400 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी.
उन्होंने ये भी घोषणा की है कि ट्रैक्टर और खेती के लिए डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर डिस्काउंट भी दिया जाएगा. उनका कहना था कि शिक्षा और स्वास्थ्य शिअद की प्राथमिकता में शामिल हैं. इसलिए सभी परिवारों का 10 लाख का मेडिकल इंश्योरेंस दिया जाएगा. सभी अनुसूचित जाति की छात्रवृत्ति को दोबारा चालू किया जाएगा साथ ही सरकार सुनिश्चित करेगी कि अनुसूचित जाति के छात्रों की कॉलेज स्तर की शिक्षा मुफ्त होगी.
नए कृषि कानूनों को रद्द करने का वादा : बादल ने ये भी कहा कि अगर वो सत्ता में आते हैं तो शिअद की योजना एक छात्रकार्ड जारी करने की है जिसके जरिये सभी छात्रों के लिए 10 लाख तक के कर्ज पर राज्य सरकार गारंटी लेगी. कर्ज पर लगने वाला ब्याज का तीन साल के मोरेटोरियम के साथ सरकार भुगतान करेगी. और बादल अपनी बात में सबसे अहम और पंजाब की ज्वलंत बात करना नहीं भूले. उन्होंने कहा कि अगर शिअद और बसपा का गठबंधन सत्ता में आया तो कृषि के तीन कानून, जिन्हें उन्होंने काला कानून कहा है, को रद्द कर दिया जाएगा.
बसपा के साथ गठबंधन कर जीत सुनिश्चित करने की तैयारी : दोनों दलों ने 25 साल के बाद हाथ मिलाया है. इससे पहले शिअद ने 2017 का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था. इस बार के चुनाव में पंजाब की 117 सीटों में से शिअद 97 सीट पर लड़ेगी वहीं बसपा के उम्मीदवार 20 सीटों पर लड़ेंगे. बसपा जिन 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है उसमें से 8 सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदावारों के लिए आरक्षित हैं वहीं 11 वो सीट हैं जिसे शिअद ने भाजपा के लिए छोड़ा था जब 2017 में दोनों के गठबंधन ने साथ में चुनाव लड़ा था. 2017 के चुनाव में बसपा 111 सीट पर चुनाव लड़ा था और उसका वोट शेयर 1.59 फीसद रहा था.