पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan News) विपक्ष के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion Agaist Imran Khan) में बुरी तरफ फंस चुके हैं। यही कारण है कि इमरान खान की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। तीन अप्रैल को पाकिस्तानी संसद (Parliament of Pakistan) में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। पाकिस्तानी विपक्षी पार्टियां (Pakistan Democratic Movement) भी इमरान खान के खिलाफ लामबंद हो चुकी हैं। कहा यह भी जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना इमरान खान का साथ छोड़ चुकी है। सेना और सरकार के बीच में आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल विस्तार और खुफिया एजेंसी आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर तनाव है। ऐसे में अगर सेना खुलकर विपक्ष के समर्थन में आती है तो इमरान की सत्ता से विदाई तय है।
नवंबर में खत्म हो रहा बाजवा का कार्यकाल : जनरल कमर जावेद बावजा का कार्यकाल इसी साल नवंबर में खत्म हो रहा है। जनवरी में जब इमरान खान से बाजवा के कार्यकाल विस्तार के बारे में सवाल पूछा गया तब उन्होंने साफ-साफ कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। इमरान ने कहा था कि मैंने अभी तक बावजा के कार्यकाल विस्तार के बारे में कुछ नहीं सोचा है। नया साल अभी शुरू हुआ है और नवंबर दूर है। फिर सेना प्रमुख के कार्यकाल में विस्तार की चिंता क्यों है। उनके इस बयान से अंदेशा जताया गया था कि इमरान खान नहीं चाहते कि जनरल बावजा फिर से आर्मी चीफ बनें। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इमरान खान पूर्व आईएसआई चीफ जनरल फैज हमीद को पाकिस्तानी आर्मी चीफ बनाना चाहते हैं।
वर्तमान में पेशावर कोर के कमांडर हैं फैज हमीद : फैज हमीद वर्तमान में पाकिस्तानी सेना के पेशावर स्थित 11वीं कोर का कमांडर हैं। उनकी नियुक्ति अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के चंद दिनों बाद ही की गई थी। पाकिस्तानी सेना की पेशावर कोर ही अफगानिस्तान से लगी सीमा की सुरक्षा करती है। फैज हमीद ने अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेफ्टिनेट जनरल फैज हमीद के दबाव में ही तालिबान ने हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी को अफगानिस्तान का गृहमंत्री बनाया था। कहा जाता है कि पंजशीर पर तालिबान के कब्जे के पीछे भी फैज हमीद का ही दिमाग था। फैज हमीद को इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी का भी करीबी माना जाता है।
फैज हामिद को आर्मी चीफ बनाने से इमरान को क्या फायदा : पाकिस्तान में सरकार के ऊपर सेना के प्रभाव से पूरी दुनिया परिचित है। दावा किया जाता है कि 2018 के चुनाव में पाकिस्तानी सेना के समर्थन से ही इमरान खान सत्ता में आए थे। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि इमरान खान इलेक्टेड नहीं बल्कि सेलेक्टेड प्रधानमंत्री हैं। ऐसे में फैज हमीद को पाकिस्तानी सेना प्रमुख बनाकर इमरान खान का मकसद 2023 के आम चुनाव में भी जीत हासिल करना है। हालांकि, वर्तमान के राजनीतिक हालात को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि इमरान खान का यह सपना शायद ही पूरा हो सकता है।
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