मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में शिवपुराण कथा और ‘रुद्राक्ष महोत्सव’ कार्यक्रम को बीच में रोकने से व्यथित भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। विजयवर्गीय ने चौहान को पत्र लिखने के साथ-साथ ट्वीट किया, ‘‘महाशिवरात्रि पर्व के एक दिन पूर्व सीहोर में 11 लाख रुद्राक्ष अनुष्ठान जैसे अभूतपूर्व सनातनी धार्मिक कार्यक्रम को बीच में रोकने का दबाव बनाने का प्रशासन का आपराधिक कृत्य कहां तक जायज है? सिर्फ लापरवाही या प्रशासन की मुख्यमंत्री की छवि को खराब करने का आपराधिक प्रयास।’’
उन्होंने उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिन्होंने कथित तौर पर धार्मिक प्रवचन देने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा पर इस कार्यक्रम को रद्द करने के लिए दबाव डाला। विजयवर्गीय ने कहा कि 28 फरवरी को सीहोर में जो कुछ हुआ उसे देख-सुन कर अत्यंत पीड़ा और वेदना हुई। उन्होंने कहा कि सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता से उनके जैसे कई सनातनियों को आघात पहुंचा है। उन्होंने पूछा कि आखिर ऐसी कौन सी विपदा आ गई थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि सीहोर जिला प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था नहीं कर सका। भाजपा नेता ने कहा कि सीहोर प्रशासन को जाकर प्रदीप मिश्रा से माफी मांगनी चाहिए और कथा पुन: प्रारंभ होनी चाहिये। इस बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी आरोप लगाया कि सात दिवसीय इस कार्यक्रम को पहले दिन ही रद्द कर दिया गया, क्योंकि प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था करने में विफल रहा। कमलनाथ ने ट्वीट किया, ‘‘महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला ‘शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव’ का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया।’’ उन्होंने आगे लिखा कि एक कथावाचक को आंखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिये कुछ और नहीं हो सकता है।
सीहोर जिलाधिकारी चन्द्र मोहन ठाकुर ने सोमवार को ट्वीट में कहा, ‘‘कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा 28 फरवरी से भव्य रुद्राक्ष महोत्सव आयोजित किया गया था। इस आयोजन में देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सीहोर पहुंचे। श्रद्धालुओं और वाहनों की संख्या अपेक्षा से कहीं अधिक होने के कारण आरंभ में जाम की स्थिति बनी।’’ सूत्रों ने दावा किया था कि दो मंत्री भी ट्रैफिक जाम में फंस गए, जिसके बाद इस धार्मिक सभा को बंद कर दिया गया।
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