हांगकांग की विधायिका के लिए हुए चुनाव में चीन समर्थक प्रत्याशियों ने भारी जीत दर्ज की है। उन्होंने बीजिंग की ओर से स्वायत्त क्षेत्र के निर्वाचन कानून में बदलाव के बाद हुए पहले चुनाव में मध्यमार्गी और निर्दलीय प्रत्याशियों को करारी मात दी है। चीन ने यह सुनिश्चित करने के लिए कानून पारित किया था कि केवल बीजिंग के प्रति निष्ठा रखने वाले लोग ही शहर का प्रशासन संभालें। इसके बाद रविवार को हुए पहले चुनाव में बीजिंग के विश्वासपात्र उम्मीदवारों ने अधिकतर सीटों पर जीत दर्ज की है।
हांगकांग की नेता और चीन समर्थक कैरी लैम ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह 30.2 प्रतिशत मतदान होने के बावजूद ‘संतुष्ट’ हैं। उल्लेखनीय है वर्ष 1997 में ब्रिटेन ने हांगकांग को चीन को सौंपा था और इसके बाद से यह सबसे कम मतदान प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मतदान के लिए पंजीकरण कराने वाले मतदाताओं में मताधिकार का प्रयोग करने वालों की संख्या 92.5 प्रतिशत थी जो वर्ष 2012 और 2016 के चुनाव के मुकाबले अधिक है, तब केवल 70 प्रतिशत पंजीकृत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
उल्लेखनीय है कि नए कानून के तहत विधान परिषद के लिए प्रत्यक्ष निर्वाचित सदस्यों की संख्या 35 से घटाकर 20 कर दी गई है, जबकि कुल सदस्यों की संख्या में वृद्धि की गई और अब 70 के बजाय 90 सदस्यीय परिषद है। इनमें से अधिकतर सदस्यों की नियुक्ति चीन समर्थक निकाय करते हैं, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उनका विधायिका में बहुमत हो।