अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के अलावा अंतरिक्ष में एक और स्पेस स्टेशन मौजूद है जिसे चीन ने स्थापित किया है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा से प्रतिस्पर्धा में चीन अंतरिक्ष में अपना दखल बढ़ा रहा है। इसी के तहत चीन ने शनिवार को तीन अंतरिक्ष यात्रियों को छह महीने के लिए अपने अंतरिक्ष स्टेशन पर रवाना किया। आर्बिटिंग स्ट्रक्चर का काम पूरा किए जाने की पृष्ठभूमि में चीनी अंतरिक्ष यात्री इस मिशन के अंतर्गत स्पेस में सबसे लंबा बिताने का रेकॉर्ड बनाएंगे।
शेनजो-13 अंतरिक्ष यान तीन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर लांग मार्च-2एफ वाहन के साथ स्थानीय समयानुसार रात 12:25 पर रवाना हुआ। उम्मीद है कि यान चीन के अंतरिक्ष स्टेशन तियान के साथ छह घंटे के भीतर जुड़ जाएगा और अपना मिशन शुरू कर देगा। रवाना होने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में दो अनुभवी लोग शामिल हैं। पायलट जाई जिगांग (55) और वांग यपिंग (41) और इनके अलावा मिशन में एक महिला यात्री ये गुआंगफू (41) भी शामिल हैं, यह उनकी पहली उड़ान है।
अमेरिका को स्पेस में चुनौती : चीन अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिका को चुनौती देने के लिए तेजी से अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा है। चीन अपने स्पेस स्टेशन के जरिए अमेरिका के नासा को चुनौती देना चाहता है। दरअसल, नासा कई अन्य यूरोपीय देशों के साथ मिलकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को ऑपरेट कर रहा है। हाल में ही रूस इस स्टेशन को खतरनाक बताते हुए अलग हुआ है। बीजिंग अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) का हिस्सा नहीं है और इसकी बड़ी वजह अमेरिका की आपत्ति है। अमेरिका चीन के कार्यक्रमों की गोपनीयता और उसके सैन्य संपर्कों को लेकर सावधान रहता है।
स्पेस में ‘मेगास्ट्रक्चर’ बना रहा चीन : इससे पहले खबर आई थी कि चीन पृथ्वी की कक्षा में चीन कई किलोमीटर बड़ा विशालकाय ‘मेगास्ट्रक्चर’ बनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें सोलर पावर प्लांट, टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स, गैस स्टेशन से लेकर एस्टेरॉइड खनन की भी सुविधा उपलब्ध होगी। National Natural Science Foundation of China ने पांच साल के प्लान की घोषणा करते हुए शोधकर्ताओं को टेक्नोलॉजी और टेक्निक विकसित करने का निर्देश दिया है।