चीन बार-बार मुंह की खाने के बाद भी लद्दाख (China Ladakh News) में अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पैंगोंग त्सो पर पुल (China Pangong Bridge) बनाने के बाद चीन अब तेजी से सड़क निर्माण (China Pangong Lake News) कर रहा है। इस सड़क को झील के दक्षिणी किनारे पर बनाया जा रहा है। इसका मकसद किसी भी विवाद की स्थिति (China India Skirmishes) में चीनी सैनिकों को उनके बेस कैंप से एएसी के नजदीक पहुंचाना है। यह रोड उसी इलाके के नजदीक बन रही है, जहां पिछले साल भारतीय सेना ने कब्जा जमा लिया था। लेकिन, कई दौर की सैन्य वार्ता के बाद दोनों ही देशों ने अपनी-अपनी सेनाओं को अग्रिम मोर्चों से पीछे हटा लिया था।
सैटेलाइट तस्वीर से क्या पता चला : सैटेलाइट इमेजरी का विश्लेषण करने वाले ट्विटर हैंडल @detresfa_ ने दावा किया है कि यह सड़क पैंगोंग के दक्षिणी किनारे पर बनाई जा रही है। इसका एक सिरा इसी साल जनवरी में दिखाई दिए एक पुल के करीब पहुंचता नजर आ रहा है। ट्वीट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा संभावना है कि इस पुल को चीन के रुतोंग काउंटी से जोड़ा जाए। इससे चीन के पीएलए सैनिकों को इस इलाके में तेजी से पहुंचने में मदद मिल सकेगी।
कहां है पैंगोंग त्सो : पैंगोंग त्सो या पैंगोंग झील भारत-चीन सीमा पर 14,000 फीट से भी ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है। 135 किलोमीटर लंबी यह झील 604 वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा एरिया में फैली है। कहीं-कहीं इसकी चौड़ाई 6 किलेामीटर तक है। इस झील का 45 किलोमीटर क्षेत्र भारत में स्थित है, जबकि 90 किलोमीटर क्षेत्र चीन में पड़ता है। इस झील का रणनीतिक महत्व काफी ज्यादा है।
चीन ने कहा बनाया है पुल : पैंगोंग झील पर पुल बनाने का खुलासा इसी साल जनवरी के शुरुआत में हुआ था। यह पुल पैंगोंग झील पर चीन के कब्जे वाले इलाके में बनाया गया है। बताया जा रहा है कि यह पुल झील के उत्तरी किनारे को दक्षिणी किनारे से जोड़ता है जो फिंगर 8 से 20 किमी पूर्व में है। इसके बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया है कि गलवान घाटी क्षेत्र के पास चीन अपनी तरफ के हिस्से में एक पुल बना रहा है। इसके जरिए चीन पूरे अक्साई चिन इलाके में भारत के खिलाफ अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहता है।
सीमावर्ती इलाकों में तेजी से पुल और सड़कें बना रहा चीन : 15 जून 2020 को गलवान में हुए सैन्य झड़प के बाद चीन ने बॉर्डर इलाके में तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है। इतना ही नहीं, चीन ने इस पूरे इलाके में टैंकों का वजन सहने वाले कई पुलों और सड़कों का निर्माण किया है। चीन ने सीमावर्ती इलाकों के कठिन मौसम में अपने सैनिकों के रहने के लिए कई अत्याधुनिक शेल्टरों को भी स्थापित किया है। इसके बावजूद चीनी सैनिक इस इलाके के बेहरम मौसम की मार से बीमार पड़ रहे हैं।
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