नीदरलैंड के स्वास्थ्य प्राधिकार ने कहा है कि दो स्थानीय मामलों में कोरोना वायरस का नया स्वरूप ओमीक्रोन करीब 11 दिन पहले के नमूनों में मिला था। इससे यह प्रदर्शित होता है कि पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका से खबर आने से पहले से यह पश्चिमी यूरोप में था। आरआईवीएम स्वास्थ्य संस्थान ने कहा कि उसने 19 नवंबर से 23 नवंबर के बीच के नमूनों में ओमीक्रोन स्वरूप को पाया है। पिछले शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका से आए यात्रियों के वायरस के इस नए स्वरूप से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।
उनकी जांच एमस्टरडम के स्कीफोल हवाईअड्डे पर की गई थी। कोरोना वायरस के ‘ओमीक्रोन’ स्वरूप के बारे में नए निष्कर्षों ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि यह उभरता हुआ खतरा देशों में बचाव शुरू होने से पहले ही व्यापक रूप से फैल गया है। क्योंकि आज दो देशों ने अपने यहां पहले मामलों की पुष्टि की और तीसरे ने दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों के खतरे की घंटी बजाने से पहले ही इसकी उपस्थिति होने की सूचना दी है।
सबसे खराब समय आना अभी बाकी : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने सबसे पहले 24 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी को इस स्वरूप के बारे में सूचना दी। इस बीच, जापान और फ्रांस ने आज अपने यहां वायरस के नए स्वरूप से जुड़े पहले मामलों की सूचना दी जिसने सामान्य स्थिति में लौटने की दुनिया की उम्मीदों को एक बार फिर धूमिल कर दिया है। इससे डर पैदा हो गया है कि सबसे खराब समय आना अभी बाकी है। इस बीच, जर्मन अधिकारियों ने कहा कि उन्हें एक ऐसे व्यक्ति में ‘ओमीक्रोन’ संक्रमण मिला है जो न तो विदेश गया था और न ही किसी के संपर्क में था।
ओमीक्रोन के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन : कोरोना वायरस के नए स्वरूप को लेकर आई इस नई जानकारी ने दुनियाभर में अब एक अलग तरह की चिंता पैदा कर दी है। हालांकि अनेक विशेषज्ञों ने डर को यह कहकर कम करने की कोशिश की है कि कोविड रोधी टीके अब भी महामारी के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि वर्तमान में ओमीक्रोन वेरिएंट पर सीमित डेटा उलब्ध है। लेकिन शुरुआती संकेत बताते हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है।
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