जिस प्रकार से बीसीसीआई के द्वारा आयोजित इंडियन प्रीमियर लीग सम्पूर्ण विश्व क्रिकेट जगत में नम्बर वन लीग माने जाने लगी है उसी प्रकार सम्पूर्ण भारत वर्ष में सभी राज्य क्रिकेट संघो को राज्य स्तर पर प्रदेशीय प्रीमियर लीग कराने की आजादी होनी चाहिए और बीसीसीआई को इस हेतु उन्हें अनुमति प्रदान किया जाना चाहिये।फिलहाल बीसीसीआई ने कर्नाटक, तमिलनाडु, सौराष्ट्र और मुम्बई को ही इसकी अनुमति प्रदान की है ।। जिस प्रकार बेहद पेशेवर तरीके से बीसीसीआई आईपीएल का आयोजन करती है ठीक उसी तरह से सभी राज्य क्रिकेट संघो को भी बीसीसीआई के मार्गदर्शन में प्रदेशीय प्रीमियर लीग कराना चाहिए और बीसीसीआई को इस हेतु अन्य प्रतियोगिताओ की तरह इस प्रदेशीय प्रीमियर लीग हेतु भी आवश्यक मापदण्ड तैयार करना चाहिए। ऐसा मानना है पूर्व रणजी ट्रॉफी क्रिकेटर और तेज़ गेंदबाज़ श्री के के शर्मा का आज एक अनोपचारिक चर्चा में स्पोर्ट्स एज के संपादक योगेंद्र व्यास से बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज क्रिकेट शहर शहर, गांव गांव में खेला जाने लगा है और छोटे छोटे एवं सुदूर क्षेत्रो से बहुत ही शानदार प्रतिभाए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने शानदार खेल से सभी को प्रभावित कर रही है लेकिन इनके लिए कई राज्य क्रिकेट संघो के द्वारा किसी भी फॉर्मेट में भले ही वह एक दिवसीय मैच हो या फिर टी 20 कोई भी प्रतियोगिता आयोजित नही की जा रही है।। उन्होंने आगे बताया कि अगर सभी राज्य क्रिकेट संघो द्वारा प्रदेश स्तर प्रदेशीय प्रीमियर लीग का आयोजन करवाया जाता है तो सभी राज्य संघो के पास सभी फॉर्मेट में खेलने वाले उच्च स्तरीय खिलाडीयो की टीम होगी और नवोदित खिलाडीयो में भी अच्छा परफॉर्मेंस करने के लिए उत्साह बना रहेगा और इन सब से खिलाडीयो का उत्साहवर्धन तो होगा ही साथ ही इन प्रतियोगिताओ को छोटे छोटे स्पांसर भी मिलेंगे जिससे खिलाडीयो और सभी राज्य क्रिकेट संघो की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और संबंधित सभी पक्षो को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुँचेगा।
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