यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पर सोमवार तड़के बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर दिया. दोनों ही देशों ने वक्त रहते मिसाइलों को बीच हवा में ही मार गिराया. सऊदी अरब के सैन्य गठबंधन (Saudi Coalition) ने बताया है कि उन्होंने हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) की बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) को मार गिराया है, जिससे जिजैन प्रांत पर हमला करने की कोशिश की गई थी. मिसाइल के नष्ट होने के बाद उसके अवशेष नीचे गिर गए. जिसके कारण दो विदेशी नागरिक घायल हो गए हैं. हालांकि किसी की मौत की कोई सूचना नहीं है. जबकि यूएई ने राजधानी अबू धाबी को निशाना बनाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को बीच में ही रोक दिया.
रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी गठबंधन का कहना है कि उन्होंने यमन के अल-जॉफ में मौजूद उस लॉन्च पैड को भी तबाह कर दिया है, जिसका इस्तेमाल बैलिस्टिक मिसाइल दागने के लिए किया जा रहा था. अरब देशों का सैन्य गठबंधन हूतियों के प्रति अधिक सख्त नजर आ रहा है (Houthis Missile Attacks). ईरान समर्थित इस चरमपंथी संगठन ने हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी पर ड्रोन से हवाई हमला कर दिया था. जिसमें दो भारतीयों और पाकिस्तानी सहित तीन लोगों की मौत हो गई. बाद में हूतियों ने इस हमले की जिम्मेदारी भी ली.
ड्रोन हमले में दो भारतीय मारे गए : 17 जनवरी को किए गए इस हमले के लिए हूतियों ने ड्रोन के साथ क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया था. यमन युद्ध में बेशक यूएई शामिल था, लेकिन हूतियों ने उसपर पहली बार ऐसा हमला किया था. इससे पहले वो केवल सऊदी अरब को ही निशाना बना रहा था. इस हमले के बाद यूएई ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) से मांग करते हुए कहा था कि हूतियों को फिर से आतंकी संगठन घोषित किया जाए. सऊदी अरब, भारत और संयुक्त राष्ट्र ने भी इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की.
यमन पर सऊदी गठबंधन ने किया हमला : इस हमले का बदला लेने के लिए सऊदी गठबंधन ने यमन के दो स्थानों पर बम बरसा दिए. इनका ऐसा मानना था कि यहां हूती विद्रोहियों की मौजूदगी है. हमलों में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है. जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए है. हूतियों ने कहा कि हमले में उन डिटेंशन सेंटर को निशाना बनाया गया है, जहां शरणार्थी रह रहे थे. जबकि गठबंधन ने इस तरह के दावों को खारिज कर दिया है. दरअसल सऊदी अरब के नेतृत्व वाला अरब देशों का ये गठबंधन यमन में वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार की बहाली की कोशिश कर रहा है. जबकि देश के एक बड़े हिस्से पर हूतियों ने कब्जा किया हुआ है.