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विशेषज्ञों की चेतावनी : परमाणु युद्ध छिड़ा तो मारे जाएंगे 5 अरब लोग, कई साल तक धरती पर नहीं दिखेगा सूरज

यूक्रेन संकट के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की परमाणु युद्ध की धमकियों ने दुनिया को टेंशन में डाल दिया है। सबसे अधिक खतरे का सामना कर रहे नाटो देशों ने तो परमाणु युद्धाभ्यास भी शुरू कर दिया है। इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर रूस के साथ नाटो का परमाणु युद्ध हुआ तो इससे पांच अरब लोगों का सफाया कर सकता है। हालात ऐसे बन जाएंगे कि कई साल तक सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच सकेगी। रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा रेडी टू यूज परमाणु हथियार हैं। इनकों बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और टारपीडो के जरिए दुनिया में कहीं भी दागा जा सकता है। ऐसे में रूस की धमकी को पूरी दुनिया काफी गंभीर तरीके से देख रही है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि उन्हें पुतिन की धमकी कोरी नहीं लग रही है। अमेरिका इस समय क्यूबा संकट से भी गंभीर खतरे का सामना कर रहा है।
परमाणु हमला हुआ तो 5 अरब लोगों की मौत होगी : द सन ऑनलाइन से बात करते हुए, आपदा विशेषज्ञ पॉल इनग्राम ने कहा कि शीत युद्ध के दौरान, अक्सर यह कहा जाता था कि हमारे पास दुनिया को कई बार उड़ाने के लिए पर्याप्त परमाणु मिसाइलें थीं। अब ऐसा नहीं है। दुनिया भर में 12000 से अधिक परमाणु हथियार हैं। अकेले रूस के पास उनमें से लगभग 6000 परमाणु हथियार हैं। अगर इनसे हमला किया जाता है तो विस्फोट और विकिरण से दुनिया भर में 2 से 3 अरब लोग हताहत होंगे। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ एक्जिस्टेंशियल रिस्क के इनग्राम ने भी किसी भी परमाणु संघर्ष से सर्वनाश की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि तत्काल होने वाली मौतों के अलावा परमाणु हथियारों का एक दूसरे पर इस्तेमाल इतना अधिक रेडियोएक्टिव कचरा फेंक देगा कि कई वर्षों तक सूरज साफ नजर नहीं आएगा। इससे इससे दुनिया भर में पांच अरब लोगों की मौत हो जाएगी।
यूक्रेन पर परमाणु हमले का क्या होगा असर : एक्सपर्ट ने बताया कि इस समय यूक्रेन पर परमाणु हमले का खतरा है। इस देश को अपने गेहूं उत्पादन के कारण यूरोप का ब्रेड बकेट कहा जाता है। अगर इस देश पर परमाणु हमला होता है तो पूरी दुनिया में भोजन की कमी हो सकती है। इससे न सिर्फ यूक्रेन बल्कि पूरी दुनिया में फसलों पर असर पड़ेगा। लोगों के पास भोजन की कमी हो जाएगी। दुनियाभर में तापमान 16 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा। यूक्रेन जैसे देश तो पूरी तरह से बर्फ में जम जाएंगे। ब्रिटेन के लंदन में अगर परमाणु बम गिरता है तो विस्फोट और विकिरण करोड़ों लोगों की जान ले सकता है। कोई भी सुरक्षित नहीं होगा। यही बम अगर भारत या चीन जैसे ज्यादा आबादी वाले देशों में गिरता है तो तबाही की दर काफी ज्यादा होगी। विस्फोट के दौरान मौसम का भी असर देखने को मिल सकता है। अगर टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों के जरिए हमला किया गया तो तबाही कम और सीमित इलाकों में ही होगी, लेकिन अगर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया गया तो उसका प्रभाव व्यापक होगा।

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