19 नवम्बर 21 के स्पोर्ट्स एज में प्रकाशित लेख में दांए और बांए हाथ के बल्लेबाजों के संयोजन पर काफी चर्चा की गई थी। जैसे स्पोर्ट्स एज को बीसीसीआई ने भी देखा हो और आज उसी के अनुरूप संयोजन 22 गज की पट्टी पर देखने भी मिल गया। बैटिंग ऑर्डर जिस प्रकार तय किया गया उसके लिये कोच के साथ कप्तान रोहित की शानदार कप्तानी की जितनी तारीफ की जाए कम है।
लगातार तीसरी मैच में रोहित शर्मा टॉस के बॉस बने और इस बार पहले बल्लेबाज़ी चुनी। कप्तान अपने साथ युवा खब्बू ईशान को लेकर गए और एक और अच्छी ओपनिंग पार्टनरशिप देखने को मिली। लेकिन ईशान के आऊट होते ही पहले सूर्य कुमार फिर लापरवाह पंत के आऊट होने से भारत दबाव में आ गया था। कप्तान का साथ होने के बावजूद पंत उसी प्रकार आऊट हुए जैसे वो ज्यादातर आऊट होने या विकेट फेंकने की आदत बना चुके हैं। अब ऋषभ पंत नए नहीं है, परिपक्व होने लायक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव इन्हे मिल चुका है। इन्हे अपने विकेट की अहमियत समझनी होगी और फिर जब 4 नंबर पर बेटिंग के लिए भेजा गया तब तो टीम की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी को समझना ही होगा। पंत के आऊट होते ही ऐसा समय हो गया था जब कीवी स्पिनर्स ने 6 ओवर में मात्र 38 रन देकर 4 विकेट झटक कर भारतीय टीम को दबाव मे ला दिया था। लेकिन कप्तान ने आज दांए बांए की जोड़ी क्रीज पर रहे इसलिए पहले वैंकटेश और फिर अक्षर पटेल को बल्लेबाज़ी क्रम में रखा। वैंकटेश ने आऊट होने के पहले सोढ़ी को मिडविकेट पर जो छक्का लगाया उसमें पंत की तुलना में बल्ले और बॉडी पोजिशन में खुद को काफी बेहतर सिद्ध किया। अपनी गलतियों से जल्दी सीखकर वैंकटेश थोड़ा और देर तक खेलेंगे तो भारतीय टीम में अच्छे ऑल राउंडर की भूमिका में निश्चित ही खरे उतरेंगे। अपनी छोटी किंतु टैलेंट से सजी आकर्षक पारियों से वैंकटेश, हर्षल पटेल और दीपक चाहर ने भारत को 184 तक पहुंचा दिया था, जो T 20 में बहुत अच्छा स्कोर होता है।
न्यूजीलैंड को 185 रन चाहिए थे, ये मैच जीतकर ये सिद्ध करने के लिए कि विश्वकप के फाइनल में टीम ऐसे ही नहीं पहुंची थीं। शुरुआत में 2 ओवर में 21 रन जोड़कर गुप्टिल ने कप्तान रोहित को चुनौती दी तो इससे पहले कि ओस परेशान करती, कप्तान ने तुरंत बांए हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल को गेंदबाजी के लिए बुला लिया नतीजा अक्षर ने पहले ही स्पैल में 3 विकेट लेकर कीवी टीम की मानो कमर ही तोड़ दी। नतीजा ये हुआ कि गुप्टिल के अर्ध शतक के बावजूद 100 रन तक पहुंचते पहुंचते 9 कीवी बल्लेबाज पैवेलियन लौट चुके थे। गुप्टिल के आऊट होते ही भारत को 3/0 से सीरीज जीत की खुशबू आने लगी थी। आखिर में भारत ने एकतरफा अंदाज में 73 रन से जीत हासिल करके सीरीज में कीवी टीम का सूपड़ा साफ कर दिया।
एक बात में फिर कहुंगा कि विलियमसन के नहीं होने से न्यूजीलैंड असहाय ही नज़र आती रही फिर चाहे पहले साउदी ने या फिर तीसरे मैच में सेंटनर ने कप्तानी की,, लेकिन कीवी टीम मे गुप्टिल को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी अपनी छाप नहीं छोड़ पाया।
अभी 2 टेस्ट मैच की टेस्ट सीरीज भी होना है फिर इस सीरीज के बाद भारतीय टीम जनवरी में अफ्रीका जायेगी। भारतीय टीम का आज का दांए बांए का बल्लेबाज़ी क्रम शानदार था। राहुल को सूर्य कुमार की जगह लाने से टीम और मजबूत दिखेगी। पंत और वैंकटेश को फिनिश तक जाना टीम की जीत के लिए जरूरी होगा। अफ्रीका जाने से पहले भारतीय टीम को तेज गेंदबाजी लाइन अप पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि हर्षल पटेल को छोड़ दें तो भुवनेश्वर कुमार और दीपक चाहर शुरुआती ओवरों में न तो विकेट ले पाए और न ही रन गति पर अंकुश लगा सके। यजुवेंद्र चहल कलाई के स्पिनर हैं लेकिन स्पिन कराने और कारगर गुगली की जादूगरी में थोड़े फीके पड़ते जा रहे हैं। एशिया से बाहर SENA देशों में कलाई के स्पिनर की ही ज्यादा जरुरत होगी, इस तथ्य को भी कप्तान व कोच को ध्यान में जरूर रखना होगा।