ऑस्ट्रेलिया में लोकतंत्र का मंदिर कही जाने वाली संसद महिला कर्मचारियों के साथ यौन उत्पीड़न का अड्डा बन गई है। ऑस्ट्रेलियाई मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 63 महिला सांसद संसद के अंदर यौन उत्पीड़न का शिकार हुई हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। इस रिपोर्ट में 33 अलग-अलग संगठनों के 1723 लोगों ने बताया कि संसद के 33 फीसदी कर्मचारी कम से कम एक बार यौन उत्पीड़न का शिकार हुए हैं। वहीं 51 फीसदी प्रताड़ना या रेप की कोशिश के शिकार हुए हैं।
सरकार की एक पूर्व सलाहकार के संसद के अंदर रेप का आरोप लगाए जाने के बाद स्कॉट मॉरिशन सरकार ने मानवाधिकार आयोग से इसकी जांच कराई थी। इस जांच रिपोर्ट में यह चौका देने वाला खुलासा हुआ है। पूछताछ के दौरान एक पुरुष सांसद ने कहा कि किसी महिला को किस करना, उसे उठाना, उसे छूना, कॉमेंट करना गलत नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की घटनाओं का उस महिला और उसकी टीम पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इससे संसद का काम प्रभावित होता है।
ऑस्ट्रेलियाई संसद में महिलाओं के साथ सेक्स, मास्टरबेट, वीडियो लीक होने से हिली स्कॉट मॉरिशन सरकार
संसद के अंदर शराब के नशे में रहते हैं सांसद : प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिशन ने इस जांच रिपोर्ट को भयावह करार दिया है। इससे पहले मॉरिशन पर आरोप लगा था कि वह महिला सांसदों के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न पर चुप्पी साधे हुए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरुष कॉरिडोर में घूमते रहते हैं और महिलाओं को ऊपर नीचे जाते हुए घूरते रहते हैं। वहीं महिलाओं पुरुषों से बचाव के लिए कई तरह के उपाय करना पड़ता है। संसद के अंदर शराब के नशे में सांसद रहते हैं और कई बार अपनी सीमाओं को लांघ जाते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया की संसद और संघीय नेताओं के कार्यालयों में काम करने वाले एक-तिहाई लोगों ने यौन उत्पीड़न का सामना किया, लेकिन उनमें से सिर्फ 11 प्रतिशत ने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई। इसमें कहा गया है कि रिपोर्ट में एक स्वतंत्र आयोग गठित करने सहित 28 सिफारिशें की गई हैं। मीडिया संस्थान ने कहा कि समीक्षा लैंगिक भेदभाव आयुक्त केट जेनकिंस द्वारा की गई।
रिपोर्ट में मौजूद आंकड़ों को भयावह पाया: मॉरिसन : दरअसल, पूर्व लिबरल कर्मचारी ब्रिटनी हिगिंस ने एक मंत्री के कार्यालय में एक सहकर्मी द्वारा 2019 में उसके साथ हुए कथित बलात्कार का फरवरी में सार्वजनिक रूप से खुलासा किया था। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट में मौजूद आंकड़ों को भयावह पाया है। मॉरिसन ने कहा, ‘इस इमारत में काम करने वाले किसी अन्य की तरह मैंने प्रस्तुत किये गये आंकड़ें को भयावह और परेशान करने वाला पाया है। ’ जेनकिंस ने भी कहा कि वह भी रिपोर्ट के खुलासे से स्तब्ध हैं।