17.3 C
Madhya Pradesh
November 22, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेश

यूक्रेन में नई पीढ़ी के लेजर हथियार का इस्तेमाल कर रहा रूस

यूक्रेन के ड्रोन हमलों से बुरी तरह घबराई रूसी सेना ने अब नेक्स्ट जेनरेशन लेजर हथियारों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। खुद रूसी सेना ने बताया कि वह शक्तिशाली लेजर हथियारों से दुश्मनों के ड्रोन को गिरा रही है। इस युद्ध के दौरान यूक्रेन को पश्चिमी देशों ने ड्रोन समेत कई ऐसे हथियार दिए हैं, जिन्होंने रूसी सेना को तगड़ी चोट पहुंचाई है। इसी के बाद रूस ने यूक्रेन में कुछ गुप्त हथियारों की तैनाती की है। यूक्रेन के ड्रोन हमलों में रूस को काला सागर में अपने सबसे शक्तिशाली मोस्कवा क्रूजर को खोना पड़ा था। वहीं, यूक्रेनी ड्रोन ने सैकड़ों की संख्या में रूसी टैंकों, एयर डिफेंस सिस्टम, आर्मर्ड व्हीकल और सैन्य काफिले को निशाना बनाया है।
रूस के इस नए हथियार के बारे में बहुत कम जानकारी : रूस के इस नए लेजर हथियारों की बारीकियों के बारे में बहुत कम जानकारी है। हालांकि इस हथियार का नाम पेरेसवेट बताया जा रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी पेरेसवेट नाम के इस हथियार का जिक्र किया है। इस हथियार का नाम मध्यकालीन ऑर्थोडॉक्स योद्धा भिक्षु अलेक्जेंडर पेरेसवेट के नाम पर रखा गया था। रूसी मिलिट्री डेवलपमेंट के प्रभारी उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव ने मॉस्को में कहा कि पेरेसवेट को पहले से ही व्यापक रूप से तैनात किया जा चुका है। यह लेजर हथियार पृथ्वी से 1,500 किमी ऊपर के उपग्रहों को अंधा कर सकता है।
रूस बोला- हमारे पास इससे भी खतरनाक हथियार : उन्होंने यह भी कहा कि रूस के पास पेरेसवेट की तुलना में पहले से ही अधिक शक्तिशाली हथियार मौजूद हैं, जो ड्रोन समेत कई उपकरणों को दूर से ही जला सकते हैं। बोरिसोव ने मंगलवार को एक परीक्षण का हवाला देते हुए कहा कि उसने पांच सेकंड के भीतर 5 किमी दूर एक ड्रोन को जला दिया था। बोरिसोव ने रूसी स्टेट टेलीविजन को बताया कि पेरेसवेट दुश्मन को अंधा कर देता है। इसके शक्तिशाली लेजर अपनी ताकत से दुश्मन के ड्रोन को पर भर में जलाकर खाक कर देंगे।
यूक्रेन में पहले से ही प्रोटोटाइप का हो रहा इस्तेमाल : यह पूछे जाने पर कि क्या यूक्रेन में इस तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, बोरिसोव ने कहा: “हां। पहले प्रोटोटाइप पहले से ही वहां इस्तेमाल किए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि हथियार को “जादिरा” कहा जाता है। जादिरा के बारे में लगभग कुछ भी सार्वजनिक रूप से ज्ञात नहीं है, लेकिन 2017 में रूसी मीडिया ने बताया था कि रूस के स्टेट न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन रोसाटॉम ने इसे हथियार-आधारित नए भौतिक सिद्धांतों को बनाने के लिए एक कार्यक्रम के हिस्से के रूप में विकसित करने में मदद की।
रूस ने लेजर हथियार निर्माण में हासिल की महारत : बोरिसोव की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि रूस ने लेजर हथियारों के विकास में बड़ी प्रगति कर ली है। अमेरिका और चीन जैसी महाशक्तियां भी लेजर हथियार के विकास में जुटी हुई हैं। लेजर के जरिए उपग्रहों को अंधा कर देना, उन्हें जला देना कभी विज्ञान की कल्पना के दायरे के बाहर की चीज थी। लेकिन, हाल के समय में कई देशों ने शक्तिशाली लेजर हथियारों का विकास कर इस कल्पना को हकीकत में बदल दिया है।

Related posts

शुरू हो चुकी है उल्टी गिनती! मंत्री ने बताया- पाकिस्तान में दस्तक देने वाला है ओमीक्रोन वेरिएंट

Pradesh Samwad Team

रूसी राष्‍ट्रपति 70 की उम्र में फिर बनेंगे पिता

Pradesh Samwad Team

लहुलूहान सड़कों पर तड़पते रूसी सैनिकों को मारी गोलियां

Pradesh Samwad Team