वेस्टइंडीज के विरुद्ध भारतीय टीम ने दूसरा एक दिवसीय मैच 44 रनों से जीत कर श्रृंखला में अजेय बढ़त हासिल कर ली। वर्ष 2022 में यह भारतीय टीम ने पहली श्रृंखला जीती है। इससे भी बड़ी बात यह कि रोहित की पूर्णकालिक कप्तानी में भी पहली सीरीज जीती है।
भारतीय टीम पुनर्गठन के दौर से गुजर रही है। यह वो समय होता है जब मजबूत टीम भी लय खो देती है और संघर्ष ज्यादा दिखाई देता है। कमोबेश भारतीय टीम भी अपने शानदार अतीत सी लय में आने के लिऐ संघर्ष कर रही है। प्रयोग का या मैं कहूं युवाओं को आजमाने का दौर है तो ये सही भी लगता है।
शिखर के अलावा दांए बाएं की सलामी जोड़ी की खोज में पहले मैच में ईशान किशन तो दूसरे मैच में ऋषभ पंत से ओपनिंग कराई गई। मुझे दोनों ही खिलाड़ी प्रतिभावान लगते हैं लेकिन विकेट की कीमत समझ कर खेलने में ईशान किशन को बेहतर समझता हूं। विकेट फेकने की अद्भुत कला के बावजूद भी ऋषभ पंत पर जो भरोसा टीम मेनेजमेंट दिखाता आ रहा है उसके आधे मौके भी यदि ईशान किशन को दिए जाएं तो संभवत: यह खिलाडी मैच विनर बनकर निकलेगा।
दूसरे मैच में 44/3 के बाद जिस तरह सूर्यकुमार यादव ने परिपक्व पारी खेली उससे उनका भविष्य तो उज्ज्वल ही दिखाई देता है किंतु रन मशीन और मैच को फिनिश लाइन तक अकेले ले जाने वाले कोहली को हर किसी गेंदबाज द्वारा आउट कर लेना आश्चर्य से कम नहीं है। राहुल लय में बल्लेबाज़ी करते हुए अर्ध शतक से ठीक पहले स्वयं विकेट शहीद करके गए। वॉशिंगटन सुंदर और युवा दीपक हुड्डा की छोटी पारियों ने 237 तक स्कोर पहुंचा दिया।
निश्चित ही 237 बड़ा स्कोर नहीं कहा जा सकता, किंतु इसे वैसा मजबूत समझा जा सकता है कि 2019 विश्वकप में भारतीय टीम इसके आस पास भी नहीं पहुंच पाई थी। प्रसिद्ध कृष्णा अनुभव के साथ सीख कर निखर रहे हैं 9 ओवर में मात्र 13 रन देकर 4 विकेट लेकर सर्वश्रेष्ठ प्रसिद्धि हासिल करने में सफल रहे जिससे भारतीय टीम यह मैच जीत सकी।
वेस्टइंडीज की वर्तमान टीम पहले की तरह मजबूत भी नहीं है ऐसे में 237 के स्कोर में भी 44 रन से मैच जीत जाना युवाओं के अनुभव तक ही सीमित रहना चाहिए। इस जीत के मायने ये कतई नहीं है कि भारतीय टीम पुन: मजबूत हो गई और मांद में घुसकर दुश्मन का शिकार कर लेगी।
भारतीय टीम को तय करना पड़ेगा कि ऋषभ पंत से इस प्रारूप में ओपन कराना है तो उन्हे बिना जोखिम उठाए लंबी पारी खेलना बहुत जरूरी है। मैच को फिनिश लाइन तक ले जाना और फिनिश कर पाने में कामयाब होना बहुत जरूरी है।