पुरी दुनिया में मां एक ऐसी शख्सियत हैं जो अपने बच्चे के लिए चट्टान की तरह मजबूत खडी रहती है। वह खुद बिखर जाती है लेकिन अपने बच्चों को कभी नहीं बिखरने देती है। ऐसी ही एक मां और बेटी की भावुक कहानी हम आपकाे बताने जा रहे हैं, जिसे देख आप भी समझ जाएंगे कि मां का दर्जा भगवान से ऊंचा क्यों होता है।
हम बात कर रहे हैं बेल्जियम (Belgium) की रहने वाली साराह तल्बी की। दोनों हाथ ना होने के वावजूद साराह ने अपनी बेटी की परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ी है। वह हर मां की तरह ही अपनी बच्ची का ख्याल रखती हैं। दिव्यांग होने के बावजूद भी वह घर का सारा काम करने के साथ-साथ अपनी दो साल की बच्ची को नाजों और लाड प्यार से पालती है।
38 साल की साराह तल्बी के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं हैं। हालांकि उसने हार ना मानते हुए अपने पैरों को ढाल की तरह इस्तेमाल करती है। वह अपने पैरों से सब वो चीजें कर लेती हैं जो एक हाथ वाला इंसान कर सकता है। वह परिवार के लिए खाना भी बनाती है और कंप्यूटर पर काम भी करती है।
साराह का कहना है कि उन्हे कभी अफसोस नहीं हुआ कि उनके हाथ नहीं हैं। वह इंस्टाग्राम अकाउंट पर बेटी की तस्वीरें और वीडियो जारी करती रहती हैं, जिसे देखकर लगता है कि वह बच्ची का खूब ख्याल रखती हैं। वह अपने पैरों के सहारे ही बच्ची को चम्मच पकड़कर खाना खिलाती है। इस बहादुर मां का मानना है कि ज़िंदगी में कई परेशानियां आती हैं, ऐसे में हमें परेशानियों से नहीं घबराना चाहिए।
साराह का कहना है कि दिव्यांग होने के साथ ही वह एक बच्ची की मां है, उसे इस बात की बेहद खुशी होती है। साराह की यह कहानी लाखों-करोडों महिलाओं को काफी प्रेरित करती है।