फिलीपींस के पूर्व तानाशाह शासक फर्डिनांड मार्कोस के बेटे बोंगबोंग मार्कोस उर्फ मार्कोस जूनियर अब देश के नये राष्ट्रपति होंगे। इसके अलावा वर्तमान राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते की बेटी सारा देश की नयी उपराष्ट्रपति होंगी। मार्कोस जूनियर के राष्ट्रपति चुने जाने को लेकर कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई है, हालांकि उनकी छवि अपने पिता की छवि से काफी अलग मानी जाती है। फर्डिनांड मार्कोस फिलीपींस के 10वें राष्ट्रपति थे और उन्होंने 1965 से लेकर 1986 तक देश पर शासन किया था, जिनमें से 1972 से 1981 तक मार्शल लॉ के तहत था।
36 साल बाद परिवार में आया राष्ट्रपति पद : फर्डिनांड मार्कोस जूनियर पूर्व प्रांतीय गवर्नर, कांग्रेस सदस्य और सीनेटर रह चुके हैं। 64 वर्षीय मार्कोस अपने पिता द्वारा ‘पीपुल पॉवर’ विद्रोह के बाद सत्ता पर काबिज होने के 36 साल के बाद राष्ट्रपति पद अपने परिवार में लाने में सफल रहे हैं। हालांकि उनके राष्ट्रपति चुने जाने की खबर पर देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन की भी खबरें हैं। इससे पहले अमेरिका से निर्वासन से लौटने के बाद उनकी मां इमेल्डा मार्कोस ने भी राष्ट्रपति बनने की 2 बार कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रही थीं। उन्होंने अपने बच्चों के साथ अमेरिका से आने के बाद सियासत में हाथ आजमाया था। उनके पति फर्डिनांड मार्कोस की 1989 में मृत्यु हो गयी थी।
पिता के कार्यकाल में कंगाल हो गया था फिलीपींस : मार्कोस जूनियर ने अपने पिता की विरासत को बचाया है और उनके तानाशाह शासन में अत्याचार होने की बात नहीं मानी है, हालांकि उनके शासनकाल को भ्रष्टाचार, बेतहाशा खर्च और क्रूरता का पर्याय माना जाता है। उनके पिता खुद को एक ‘वॉर हीरो’ बताते थे और इसी के दम पर उन्होंने सियासत की सीढ़ियां चढ़ी थीं, लेकिन उनके कई दावे झूठे साबित हुए। उन्होंने न सिर्फ भ्रष्टाचार किया, बल्कि विरोधियों को ठिकाने लगाने के लिए हिंसा का भी सहारा लिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्कोस फैमिली ने फिलीपींस सेंट्रल बैंक से हजारों करोड़ रुपये उड़ाए थे, जबकि देश कंगाल होता जा रहा था। अपने पिता के उलट मार्कोस विवादों से दूर रहे हैं।
दुतेर्ते की बेटी बनी उपराष्ट्रपति, पर पिक्चर अभी बाकी है : वहीं, वर्तमान राष्ट्रपति दुतेर्ते की बेटी 43 साल की सारा ड्यूटर्टे दवाओ शहर की निर्वतमान मेयर हैं। उनके पिता के 2016 में राष्ट्रपति बनने से पहले यह उनकी सीट थी। फिलीपींस सेना में रिजर्व अधिकारी और वकील सारा की पार्टी चाहती थी कि वह अपने पिता की उत्तराधिकारी बनें लेकिन उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए लड़ने का फैसला किया। माना जा रहा है कि सारा आने वाले चुनावों में राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगी।
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