मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में कम से कम 48 कौवे मृत पाए जाने के बाद इनमें एच5एन8 वायरस (बर्ड फ्लू) की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
प्रदेश की राजधानी भोपाल से 180 किलोमीटर दूर स्थित आगर-मालवा में पिछले चार दिनों में इन कौवों की मौत हुई है।
आगर मालवा के जिलाधिकारी अवधेश शर्मा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ हमने मृत कौवों के नमूने प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे थे। इस जांच में एच5एन8 वायरस (बर्ड फ्लू) की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।’’
उन्होंने कहा कि आगर मालवा जिले में पिछले चार दिनों में 48 कौवे और एक मुर्गा मृत पाया गया।
शर्मा ने कहा, ‘‘ हमने पोल्ट्री के नमूने लिए हैं। संबंधित विभागों के अधिकारियों को (केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी विभाग) दिशा निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि एक बैठक में यह सुझाव दिया गया था कि बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए आगर मालवा जिले में मटन बेचने वाले बाजारों को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया जाए।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कौवों की सामूहिक मौत के बाद नमूने भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (एनआईएचएसएड) भेजे गए हैं।
अधिकारी ने कहा कि पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ एसवी कोसरवाल की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है और लोगों को तुरंत पक्षियों की मौत के बारे में सूचित करने के लिए कहा गया है।
इस बीच, मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने जिलों, विशेषकर सीमावर्ती इलाकों को स्थिति पर नजर रखने और पक्षियों की अप्राकृतिक मौत से संबंधित किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं।
कंसोटिया ने कहा, ‘‘ सर्दियों में प्रवासी पक्षी बर्ड फ्लू फैलाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं इसलिए राज्य के जलाशयों और अभयारण्यों में आने वाले प्रवासी पक्षियों पर विशेष नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।’’
उन्होंने अधिकारियों को प्रवासी पक्षियों के नमूने और अन्य राज्यों की सीमा से लगे जिलों के चिकन बाजारों से नमूने एकत्र करने और उन्हें परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजने के निर्देश दिए हैं।
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