भारत और नेपाल ने गुरुवार को जयनगर-कुर्था सेक्शन पर यात्री ट्रेनों के जल्द से जल्द संचालन को लेकर सहमति जताई है। दोनों देशों ने इस रेल खंड पर ट्रेनों के संचालन से जुड़े स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर पर हस्ताक्षर भी किए हैं। इसमें जयनगर भारत में जबकि कुर्था नेपाल में स्थित है। इसके अलावा भारत और नेपाल ने रक्सौल से काठमांडू के बीच प्रस्तावित ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे को लेकर एमओयू पर भी साइन किया है।
रक्सौल-काठमांडू रेल लाइन पर भी बनी सहमति : भारत और नेपाल के बीच 6 और 7 अक्टूबर को आयोजित 5वें संयुक्त कार्य समूह (JWG) और 7वीं परियोजना संचालन समिति (PSC) की बैठकों में रेल लाइन को लेकर सहमति बनी है। विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने सीमा पार से चल रहे रेलवे लिंक के कार्यान्वयन और रेलवे क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की।
जयनगर-कुर्था सेक्शन पर यात्री ट्रेन चलाई जाएगी : मंत्रालय ने अपने बयान में बताया है कि एसओपी के जरिए जयनगर-कुर्था सेक्शन पर यात्री ट्रेनों को चलाने के तकनीकी पहलू पर सहमति बनी है। यह नेपाल के साथ क्रास बॉर्डर रेलवे लिंक में रेल सेवाओं को जल्द शुरू करने के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में काम करेगा। भारत ने यह भी कहा है कि प्रस्तावित रक्सौल-काठमांडू ब्रॉड गेज रेलवे लाइन दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ावा देगी।
नेपाल में भारत के सहयोग से बन रहा रेल नेटवर्क : इसके अलावा दोनों देशों ने भारत सरकार के अनुदान से विकसित की जा रही जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास और जोगबनी-विराटनगर ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों के चल रहे कार्यों पर चर्चा की। जयनगर (भारत) से कुर्था (नेपाल) तक रेलवे लाइन 34 किलोमीटर लंबी है। इस रेललाइन पर ट्रेनों के संचालन से भारत और नेपाल दोनों देशों ने लाखों नागरिकों को फायदा होगा।
नेपाल ने काम को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया : नेपाली पक्ष ने यह भी बताया कि शीघ्र संचालन की सुविधा के लिए आवश्यक नियामक ढांचा तैयार किया जाएगा। रेलवे लाइन के कुर्था से बिलाजपुरा (17.25 किमी) खंड के लिए। नेपाल ने जल्द से जल्द काम पूरा करने के लिए आवश्यक सुविधा प्रदान करने का आश्वासन दिया। दोनों पक्षों ने 18.6 किलोमीटर लंबे जोगबेंट-ने यूएलडी विराटनगर रेल लिंक को पूरा करने और इसके शीघ्र संचालन के काम में तेजी लाने पर भी सहमति व्यक्त की।