रूस ने भारत को सतह से हवा में मार करने वाली S-400 मिसाइल प्रणालियों की आपूर्ति शुरू कर दी है। रूस के सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए संघीय सेवा (FSMTC) के निदेशक दिमित्री शुगाएव ने दुबई एयरशो से पहले यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि भारत को S-400 मिसाइल प्रणालियों की आपूर्ति पहले से तय योजना के अनुसार हो रही है।
शुगाएव ने कहा कि भारत को S-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति शुरू हो गई है और यह योजना के अनुसार आगे बढ़ रही है।” चीन और तुर्की में पहले से ही S-400 वायु रक्षा प्रणाली मौजूद है। रूस और भारत ने अक्तूबर 2018 में S-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति को लेकर एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
एस-400 की खूबियां
एस-400 सबसे आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है।
यह 400 किमी तक की सीमा के अंदर आने वाले दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को भी तबाह करने में सक्षम है।
इसकी ट्रैकिंग क्षमता करीब 600 किलोमीटर है।
यह दुश्मन के हथियारों को हवा में तबाह करने जैसी क्षमता से लैस है
यह बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic missiles) और हाइपरसोनिक टारगेट (Hypersonic targets) को भी मार गिराने में सक्षम है।
एस-300 की तुलना में एस -400 में फायरिंग रेट 2.5 गुना तेज है।
हर एक एस-400 बैटरी में लंबी दूरी की रडार, एक कमांड पोस्ट वाहन, टारगेट एक्यूजिशन रडार और दो बटालियन लॉन्चर हैं, प्रत्येक लांचर में चार ट्यूब होते हैं।
एस-400 400 किमी, 250 किमी, 120 किमी और 40 किमी की रेंज वाली चार अलग-अलग प्रकार की मिसाइलों से लैस हो सकता है।
लंबी दूरी का रडार एक दर्जन से अधिक टारगेट को तबाह करने में सक्षम होने के साथ-साथ एक साथ 100 से अधिक उड़ने वाली वस्तुओं को ट्रैक कर सकता है।