17.4 C
Madhya Pradesh
November 24, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेश

बाल्टिक सागर से भूमध्य सागर की ओर बढ़ रहे रूसी नौसेना के 6 युद्धपोत, टेंशन में यूक्रेन

यूक्रेन से जारी तनाव के बीत रूसी नौसेना के 6 युद्धपोत बाल्टिक सागर के रास्ते भूमध्य सागर की ओर बढ़ रहे हैं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि करते हुए बताया है कि ये युद्धपोत आने वाले दिनों में भूमध्य सागर के इलाके में एक नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेंगे। अमेरिका समेत कई देशों को आशंका है कि रूस के युद्धपोतों को भूमध्य सागर में एक सोची-समझी रणनीति के तहत तैनात कर रहा है। रूस जब चाहे तब इन युद्धपोतों को भूमध्य सागर से काला सागर में गश्त के लिए भेज सकता है। इस क्षेत्र में यूक्रेन के समर्थन में अमेरिका, ब्रिटेन समेत नाटो देशों के कई युद्धपोत पहले से ही गश्त लगा रहे हैं। ऐसे में इन युद्धपोतों के पहुंचने से पूरे काला सागर इलाके में तनाव और ज्यादा बढ़ सकता है।
डिफेंस वेबसाइट द ड्राइव की रिपोर्ट में बताया गया है कि भविष्य में अगर रूस कोई सैन्य कार्यवाई करता है तो ये युद्धपोत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इनमें से पांच 775 रोपुचा क्लास के एम्फीबियस वॉरफेयर शिप हैं, जबकि एक प्रोजेक्ट 11711 इवान ग्रेन क्लास लैंडिंग शिप है। इनमें से तीन युद्धपोत सोमवार को बाल्टिक सागर से होकर भूमध्य सागर की ओर निकले, जबकि तीन बुधवार को उनके पीछे-पीछे गए। पहले के तीनों शिप इंग्लिश चैनल को पारकर दक्षिण की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, जबकि बाकी के तीन खराब मौसम के कारण उत्तरी सागर में पहुंचने वाले हैं।
एम्फीबियस युद्धपोतों को दुश्मन के समुद्री तट पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। ये शिप उथले पानी में भी आसानी से तैर सकते हैं। ऐसे युद्धपोतों पर बड़ी संख्या में सैनिक, टैंक, आर्मर्ड व्हीकल और दूसरे उपकरण तैनात रहते हैं। इनके जरिए सेना को तेजी से समुद्री किनारों पर पहुंचाया जा सकता है। एम्फीबियस शिप किसी भी नौसेना की सबसे बड़ी ताकत मानी जाती हैं। तटीय इलाकों पर हमला करने, हथियार और रसद पहुंचाने में एम्फीबियस पोत का बहुत बड़ा योगदान होता है। इनके अंदर हथियार, उपकरणों, गाड़ियों और सैनिकों के लिए बहुत जगह होती है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस एम्फीबियस युद्धपोतों की तैनाती की घोषणा शुक्रवार को की। इस समय ओमान की खाड़ी में रूसी नौसेना, ईरान और चीन की नौसेना के साथ युद्धाभ्यास कर रही है। इस युद्धाभ्यास में रूसी नौसेना के प्रशांत बेड़े के युद्धपोत स्लाव क्लास क्रूजर वेराग, उदलॉय क्लास डिस्ट्रॉयर एडमिरल ट्रिबट्स और ऑयल टैंकर बोरिस बुटोमा हिस्सा ले रहे हैं। नौसैनिक अभ्यास खत्म होते ही ये युद्धपोत भी बाल्टिक सागर से जा रहे एम्फीबियस शिप की फ्लीट में शामिल हो जाएंगे। ऐसे में काला सागर में रूसी नौसेना की उपस्थिति पहले से कई गुना मजबूत हो जाएगी।

Related posts

रूस के व‍िक्‍ट्री डे पर पुतिन का प्रण, यूक्रेन की जंग में ठीक उसी तरह से हमारी जीत होगी जैसे द्वितीय व‍िश्‍वयुद्ध में हिटलर की नाजी सेना के खिलाफ हुई थी

Pradesh Samwad Team

जेलेंस्की ने पुतिन से बातचीत का किया अनुरोध, कहा- मैं काटता नहीं हूं, आइए, बैठकर बात करें

Pradesh Samwad Team

चीन से नहीं मिल रहा पैसा या खत्म हुआ भरोसा? शहबाज शरीफ बोले- CPEC में तुर्की को शामिल करेंगे

Pradesh Samwad Team