बच्चों को अच्छी आदतें सिखाना मां-बाप की जिम्मेदारी होती है। अगर आपका बच्चा समझदार हो गया है, तो अब आपको उसे खुद से कपड़े पहनना सिखा देना चाहिए। इससे बच्चे भी जिम्मेदार बनेंगे और आपका काफी समय और एनर्जी भी बच जाएगी।
छोटे बच्चे जींस और साइड बटन वाली पैंट खुद से नहीं पहन सकते हैं। ऐसे में आपको इस समय उनके लिए इलास्टिक पैंट लेनी चाहिए। इलास्टिक पैंट जो कमर पर बहुत ज्यादा टाइट ना हो, इन्हें बच्चे खुद आसानी से पहन पाएंगे। धीरे-धीरे कोशिश करने के बाद उन्हें जींस पहनाने की भी हैबिट डाली जा सकती है।
बच्चों को बैठकर कपड़े पहनने के लिए कहें। कपड़ों के साथ-साथ शूज, सॉक्स या किसी भी तरह का बॉटम पहन रहे हैं तो भी बैठकर पहनने के लिए कहें। इससे बच्चों को कपड़े पहनने में आसानी होगी।
छोटे बच्चों को शर्ट या टीशर्ट पहनते समय सबसे बड़ी दिक्कत होती है कि वो स्लीव से अपने आर्म को अंदर नहीं डाल पाते हैं। उन्हें ऐसा करने के लिए आपकी मदद की जरूरत पड़ सकती है।
आप बच्चों को स्लीव से आर्म को पुश करने के लिए कहें। बच्चे जब धीरे-धीरे यह टेक्निक समझ जाएंगे उनके लिए शर्ट या टीशर्ट पहनना मुश्किल नहीं होगा। बाद में आप उन्हें बटन वाले शर्ट पहनने की आदत भी डलवा सकते हैं।
बटन लगाने हैं : बच्चों को बटन वाले ड्रेस भी खुद से पहनने के लिए प्रेरित करें। हो सकता है कि पहले उनसे कुछ गलतियां हो जाएंं, यह भी हो सकता है कि वो बटन एक जैसे ना लगाएं।
बटन ऊपर नीचे भी हो सकते हैं लेकिन धीरे-धीरे कोशिश करने पर बच्चे बटन वाले ड्रेसेज पहनना भी सीख जाएंगे। बच्चों को इसके लिए इनकरेज करें। आप देखेंगे कि बच्चे इसे भी धीरे-धीरे सीखते जा रहे हैं।
कपड़े अलग करके रखें : बच्चों की अलमारी में बहुत सारे ऑप्शन ना रखें, ऐसे में बच्चे कंफ्यूज हो सकते हैं और उनकी सीखने की हैबीट भी कम हो सकती है। आपको बच्चे के लिए वह कपड़े सबसे सामने रखने होंगे जिन्हें पहनना आसान हो।
उनके लिए बिना बटन वाली टीशर्ट और शर्ट साथ ही बिना बटन वाले पेंट या पाजामा जैसा ऑप्शन सामने रखें ताकि बच्चे खुद से ही अलमारी से अपने कपड़े निकाल कर पहनने की कोशिश करें
सामने और पीछे में अंतर सिखाएं : अपने बच्चे को कपड़े के सामने और पीछे के हिस्से में अंतर करना सिखाएं। इसके लिए आप बता सकते हैं जहां पर लेबल हो वह हिस्सा पिछला होगा। जहां बटन हो वो आगे का होगा। इस तरह से वह किसी भी शर्ट के पीछे का और आगे का हिस्सा आसानी से समझ जाएंगे। फ्रंट बैक की ही तरह बच्चों को उल्टा और सीधा भी समझाने की कोशिश करें।