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November 22, 2024
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फर्जी मार्कशीट मामले में BJP MLA इंद्र प्रताप तिवारी को 5 साल की सजा, एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला

यूपी के गोसाईगंज विधानसभा से बीजेपी विधायक इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू के ख‍िलाफ कॉलेज में दाखिले के लिए फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल करने के 28 साल पुराने एक मामले में सोमवार को स्‍पेशल कोर्ट ने पांच साल कैद की सजा सुनाई है। विशेष जज पूजा सिंह ने फैसला सुनाया और एमपी एमएलए कोर्ट में मौजूद तिवारी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। दरअसल 1992 में जाली दस्तावेजों का प्रयोग करते हुए अगली कक्षा में प्रवेश लेने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन प्राचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी ने थाना रामजन्मभूमि में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें यह सजा हुई। उनके साथ में दो अन्य कृपानिधान तिवारी और फूलचंद यादव को भी पांच साल की सजा सुनाई गई है।
साकेत के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंशराम त्रिपाठी ने अपनी शिकायती पत्र में कहा था कि तीन छात्रों ने अपने फर्जी मार्कशीट के आधार पर प्रवेश प्राप्त किया था। इसमें फूलचंद यादव ने बीएससी भाग एक परीक्षा 1886 मूल परीक्षा में फेल रहे। बैक पेपर के बाद भी फेल रहे। इस कारण वह बीएससी भाग दो में प्रवेश योग्य नहीं थे। परन्तु उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से जारी बैक पेपर र‍िजल्‍ट में हेरफेर कर और षड़यंत्र के आधार पर बीएसएसी दो भी कक्षा में प्रवेश प्राप्त कर लिया। इन्द्र प्रताप तिवारी खब्बू बीएसएसी भाग दो की 1990 में भूतपूर्व छात्र के रुप में परीक्षा दी और फेल हो गए।
फर्जी मार्कशीट से ले ल‍िया एलएलबी सेकेंड इयर में प्रवेश : इसके बाद भी विश्वविद्यालय की ओर से जारी मार्कशीट के आधार पर उन्होंने बीएससी भाग तीन में प्रवेश प्राप्त कर लिया। इस दौरान महाविद्यालय छात्रसंघ के मंत्री पद हुआ उनका चुनाव भी अवैध घोषित कर दिया गया। कृपानिधान तिवारी एलएलबी भाग एक की परीक्षा में 1889 में फेल रहे। इसके बाद भी उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से जारी मार्कशीट दिखाकर एलएलबी भाग दो में प्रवेश प्राप्त कर लिया। इस शिकायत के आधार पर धारा 420, 467, 468, 471 में मुकदमा दर्ज हुआ।
सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी : इसमें तीनों आरोपियों का कहना था कि उन्हें रंजिशन झूठा साक्ष्य दिखाकर मुकदमा राजनैतिक कारणों से कराया गया है। वह सभी निर्दोष है। इसमें एमपीएमएलए कोर्ट विशेष न्यायाधीश पूजा सिंह ने धारा 420 के आरोप में तीन वर्ष व 6 हजार जुर्माना, धारा 468 के आरोप में पांच साल के कारावास व आठ हजार जुर्माना, धारा 471 के आरोप में दो वर्ष व पांच हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।

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