अफगानिस्तान में तालिबान शासन का जश्न मनाने वाला पाकिस्तान अब अपने ही जाल में फंसता नजर आ रहा है। महिलाओं के एक मदरसे के ऊपर अफगान तालिबान के झंडे फहराए जाने के मामले में पुलिस ने एक प्रमुख कट्टरपंथी मौलवी और कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान में 21 अगस्त के बाद से यह तीसरी बार था जब मदरसे पर अफगान तालिबान के झंडे फहराए गए।
पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को राजधानी इस्लामाबाद के एक महिला मदरसे जामिया हफ्सा की छत पर अफगान तालिबान के सफेद झंडे देखे गए। इसकी सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने दंगा रोधी इकाई समेत पुलिस की एक टुकड़ी को वहां भेजा, जिसने मदरसे की घेराबंदी कर दी।
मौलाना अब्दुल अज़ीज़ समेत उनके सहयोगियों के साथ-साथ मदरसे के छात्रों के खिलाफ आतंकवाद निरोधी अधिनियम (ATA) और पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। मौलाना अब्दुल अज़ीज़ इस्लामाबाद की प्रसिद्ध लाल मस्जिद के मौलवी हैं। अधिकारियों के मुताबिक, मौलाना अज़ीज़ ने खुले तौर पर अफगान तालिबान के नाम का इस्तेमाल कर पुलिस को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
अधिकारियों के मुताबिक, मौलाना अज़ीज़ समेत मदरसे से जुड़े कुछ लोगों ने हथियारों का प्रदर्शन भी किया। मदरसे के छात्रों और शिक्षकों ने भी पुलिस को चुनौती देते हुए धमकी दी। इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र में तनाव फैल गया।