जोहांसबर्ग में दूसरे टेस्ट मैच में रोमांच बढ़ता जा रहा है। दोनों ही टीमें पहली पारी में 90 ओवर भी नहीं खेल पाईं। हालाकि अफ्रीका 27 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर फिलहाल भारत से थोड़ा आगे दिखाई दे रहा है।
पहले दिन जब भारतीय टीम 63 ओवर में 202 पर आऊट हो गई तो लगा कि अफ्रीका को अच्छी बढ़त हासिल होगी और जब एल्गर व पीटरसन दूसरे दिन की अच्छी शुरुआत कर 74 रन की साझेदारी कर चुके थे तब तक ऐसा ही प्रतीत हो रहा था कि भारत अब शायद ही वापसी कर पाए। तभी शार्दुल ठाकुर का जादू शुरू हुआ और मात्र 8 रन देकर तीन विकेट लेकर भारत की वापसी करा दी। लेकिन बाबूमा के अर्धशतक और निचले क्रम में केशव महाराज व जेंसन ने अफ्रीका को 27 रन की महत्वपूर्ण बढ़त दिला दी। भारत की ओर से शार्दुल ठाकुर ने मात्र 61 रन देकर 7 विकेट लिए जो अफ्रीका में किसी भारतीय का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
शाम होते होते भारत की दूसरी पारी शुरु हो चुकी है और भारत ने कप्तान के एल राहुल व मयंक अग्रवाल के विकेट गवा कर 85 रन बना लिए हैं। चेतेश्वर पुजारा 35 और रहाणे 11 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। तीसरे दिन इन दोनों खिलाडिय़ों पर भारत की उम्मीद टिकी है जितना देर तक ये दोनों बल्लेबाजी करेंगे, भारतीय टीम उतना अच्छा टार्गेट देने में सफल हो जाएगी। पुजारा स्वभाव के विपरीत तेज गति से रन बना रहे हैं। भारत ने दूसरी पारी में 19 ओवर में 85 रन बनाए हैं जिसमें रन गति 4 से ज्यादा है जो भारतीय टीम के लिए सुखद है। इसी लय में यदि तीसरे दिन भारतीय टीम बल्लेबाजी कर पाती है और 90 ओवर खेलने में सफल रही व 270 से 300 का टार्गेट देने में सफल हो गई तो संभव है जोहांसबर्ग में भारतीय टीम इतिहास रचने में भी सफल हो जाय। हालाकि विकेट असामान्य उछाल भरा है और पानी गिरने की संभावना भी जताई गई है जिससे बैटिंग कंडीशन और खराब हो सकती है ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि फिलहाल 58 रन से आगे भारतीय टीम तीसरे दिन कितना टार्गेट सेट कर पाती है।
अफ्रीका की टीम में बावुमा इस सीरिज में हर पारी में रन बना रहे हैं इसलिए भारत को यदि सीरिज जीतना है तो एक अच्छा लक्ष्य देने के साथ ही चौथी पारी में एल्गर और पीटरसन के अलावा बावुमा को जल्दी आऊट करने का तरीका ढूंढना होगा। इस सीरिज में अब तक टर्न ढूंढने में असफल व असरहीन रहे आश्विन की गेंद ब बल्ले से भूमिका भी महत्त्वपूर्ण हो गई है।