आज सिलिकॉन वैली से दुनिया चलती है। अमेजन के जेफ बेजोस और माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स का नाम दुनिया लेती है। अमीरी के मामले में कई नामचीन मैगजीन लिस्ट निकालती हैं। लेकिन बहुत वर्षों पहले भी लोगों की अमीरी के चर्चे दूर-दूर तक होते थे। ऐसा ही एक रईस था, मनसा मूसा। अगर आप आज भी इंटरनेट पर उनका नाम टाइप करेंगे, तो सबसे पहले आपको यह ही लिखा दिखेगा कि वो इतिहास के सबसे अमीर शख्स थे। आखिर क्या है उनकी कहानी?
दौलत का अंदाजा भी नहीं लगा पाया कोई : मनसा मूसा पश्चिमी अफ्रीका के बादशाह थे। उनके पास इतनी दौलत थी कि आजतक उनकी दौलत का कोई अनुमान नहीं लगा पाया है। उनका जन्म 1280 में हुआ। मनसा के बड़े भाई मनसा अबू बक्र ने 1312 तक शासन किया। इसके बाद वो एक लंबी यात्रा पर निकल गए, तब मनसा मूसा ने गद्दी संभाली।
दुनिया का आधा सोना उनके पास था : मनसा मूसा के बारे में एक जानकारी यह भी मिलती है कि वो टिम्बकटू के राजा थे। माली पर उस समय उनकी हुकूमत थी। जब वहां सोने के बहुत भड़े भंडार हुआ करते थे। उस दौर में सोने की मांग बहुत ज्यादा थी और दुनिया का आधा सोना उनके पास ही था।
इतना फैला था उनका इलाका : उनका असली नाम मूसा कीटा प्रथम था। मनसा बादशाह को कहा जाता था जब उन्हें गद्दी मिली, तो लोग उन्हें मनसा मूसा कहने लगे। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आज के मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फासो, माली, चाड और नाइजीरिया ये सभी देश तब मूसा की सल्तनत का हिस्सा हुआ करता थे।
इतनी दौलत थी उनके पास : मनसा मूसा की दौलत का एक अनुमान ही लगाया गया है। अंदाजा है कि मनसा के पास 4,00,000 मिलियन अमरीकी डॉलर की दौलत थी। भारतीय मुद्रा में ये रकम करीब ढाई लाख करोड़ रुपये बनती है। दुनिया के सबसे अमीर शख्स जेफ बेजोस के पास 1,06,000 मिलियन अमरीकी डॉलर की दौलत है। बात साफ है कि मनसा उनके कई ज्यादा दौलतमंद थे।
ऐसे चलता था उनका कारवां : 1324 की बात है। मनसा मक्का यात्रा पर गए थे। उनके साथ मनसा ने साढ़े छह हजार किलोमीटर का सफर किया था। लोग मूसा को देखना चाहते थे। इस कारवां में 60 हजार लोग शामिल थे। 12 हजार तो केवल सुल्तान के निजी अनुचर थे। मूसा जिस घोड़े पर सवार थे, उससे आगे 500 लोगों का दस्ता चला करता था। सोने की छड़ी होती थी उनके हाथ में। मनसा बहुत उदार दिल थे।
ऐसे हुए बर्बाद : merdia के मुताबिक, मूसा के सोने ने ही पूरे मिस्र को कंगाली के हाल तक पहुंचा दिया। उन्होंने इतना सोना दान में दिया कि इस पूरे देश में सोने के दाम घट गए। अचानक से महंगाई बढ़ गई। 57 साल की उम्र में मूसा इस दुनिया को अलविदा कह गए। फिर उनके बेटे ने गद्दी संभाली लेकिन वो इस साम्राज्य को चला नहीं पाया। जिसके बाद मूसा की सल्तनत समय के साथ छोटे-छोटे टुकड़ों में बंट गई।
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