दक्षिण अफ्रीका की एक पंडित लुसी सिगबान की हिंदू देवता विष्णु के बारे में लिखी गई एक किताब को न केवल हिंदुओं द्वारा बल्कि अन्य धार्मिक समुदायों के नेताओं के बीच भी पसंद किया जा रहा है। इस किताब में विष्णु के 1,000 नामों का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है। ताकि इसे दक्षिण अफ्रीका के लोगों और विशेष रूप से हिंदू युवाओं के लिए सुलभ बनाया जा सके, जिनमें से कई हिंदी या संस्कृत नहीं पढ़ सकते हैं।
सिगबान ने अपने जीवन की एक घटना से प्रेरित होकर ‘विष्णु – 1,000 नेम्स’ नामक किताब लिखी है। उन्होंने ‘विष्णु सहस्त्रनाम’ का सात साल तक अध्ययन किया और फिर दूसरों के साथ अपने विचार साझा करने का फैसला किया। सिगबान ने कहा, ‘वर्ष 2005 में मेरी स्थिति बहुत खराब थी। उस समय मैं एक साल से ज्यादा समय से बिना नौकरी के थी और मेरी कार को बैंक ने वापस ले लिया था।’
हिंदू समुदाय की सहायता करती हैं सिगबान : उन्होंने कहा कि मेरे बेटे निताई और गौरा छोटे थे और यह बहुत कठिन समय था। जैसा कि बुद्धिमान लोगों ने कहा है- कठिन समय में किसी को ऊपर वाले पर विश्वास रखना चाहिए। सत्यनारायण व्रत कथा से जीवन की चुनौतियों को कम किया जा सकता है।’ भारत में प्रशिक्षण लेने वालीं सिगबान वृहद जोहानिसबर्ग क्षेत्र में हिंदू समुदाय, विशेष रूप से निम्न सामाजिक-आर्थिक समूह के लोगों की काफी सहायता करती हैं। वह विभिन्न पूजाओं से लेकर हिंदू रीति रिवाज से शादियां और अंत्येष्टि भी कराती हैं।
दुर्गा मंदिर के भीतर हुआ पुस्तक विमोचन : हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और पारंपरिक अफ्रीकी धर्म समुदायों के सदस्यों ने सप्ताहांत में जोहानिसबर्ग के दक्षिण में मुख्य रूप से भारतीय बस्ती लेसिया में दुर्गा मंदिर के भीतर पुस्तक के विमोचन में भाग लिया। जोहानिसबर्ग शहर में ‘इंटरफेथ डेस्क’ के प्रमुख के. मेशेक टेम्बे ने अपने काम के माध्यम से सामाजिक और धार्मिक एकता लाने में सिगबान के प्रगतिशील दृष्टिकोण की सराहना की।