28.1 C
Madhya Pradesh
October 18, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेश

चीन लैब में बना रहा ‘महामानवों’ की सेना, स्पेस से लेकर समुद्र की गहराई तक पहुंचेगा ‘सुपर सोल्जर’

लंबे समय से इंसानों और दूसरे जानवरों के बीच एक हाइब्रिड बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जो आज भी जारी हैं ताकि ट्रांसप्लांट ऑर्गन्स को सभी के लिए सुलभ बनाया जा सके। 2019 में यूएस साल्क इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल स्टडीज के प्रोफेसर जुआन कार्लोस इजपिसुआ बेलमोंटे के नेतृत्व में वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई थी। इस टीम ने कथित तौर पर एक मानव और बंदर का हाइब्रिड तैयार किया था जो 19 दिनों तक जीवित रहा था।
रूस में सोवियत वैज्ञानिकों को 1920 के दशक में तानाशाह स्टालिन ने एक हाइब्रिड एप-मैन (बंदर-मानव) ‘सुपर सैनिक’ बनाने का आदेश दिया था जो चरम परिस्थितियों में भी काम करने में सक्षम हो जहां आम इंसानों के लिए जीवित रहना भी मुश्किल था। उस समय के गुप्त दस्तावेज, जिन्हें 1990 के दशक में सार्वजिनक किया गया था, बताते हैं कि क्रेमलिन प्रमुख ‘बेहद ताकतवर लेकिन अविकसित दिमाग वाली’ मानव-बंदरों की एक सेना चाहते थे जो ‘लचीली और भूख-प्रतिरोधी’ हो।
क्या ‘म्यूटेंट’ चिंपैंजी था सर्कर का ओलिवर? : इस परियोजना का नेतृत्व इल्या इवानोविच इवानोव ने किया था। ऐसा प्रतीत नहीं होता कि यह परियोजन सफल रही क्योंकि 1930 के दशक की शुरुआत में ही इवानोव की सोवियत कैंप में ही मौत हो गई थी। 1970 के दशक में मानवीय विशेषताओं के साथ एक कथित ‘म्यूटेंट’ चिम्पांजी ने ‘ह्यूमनज़ी’ विचार को एक बार फिर हवा दी। सर्कस में परफॉर्म करने वाला एक वानर ओलिवर के मानव-चिंपैंजी हाइब्रिड होने की सूचना मिली थी। यह अन्य चिंपैंजी की तुलना में ज्यादा बुद्धिमान प्रतीत होता था और इसके शरीर पर कम बाल थे।
1967 में चीन ने किया था प्रयोग : हालांकि पोस्टमॉर्टम में ओलिवर एक सामान्य चिंपैंजी निकला। 1980 के दशक में एक रिपोर्ट सामने आई जिसमें 1967 में चीन में किए गए मानव-चिंपैंजी क्रॉसब्रीडिंग के एक प्रयोग की जानकारी दी गई। कहा जाता है कि चीनी सरकार ने इस परियोजना को दोबारा शुरू करने के लिए कहा था। इसमें शामिल वैज्ञानिकों में से एक डॉ जी योंगजियांग ने बताया कि उनका लक्ष्य एक ऐसा जानवर पैदा करना था जो बोल सके और उसमें चिंपैंजी जैसी ताकत हो।
अभी भी रिसर्च कर रही चीन की लैब : उन्होंने कहा कि हाइब्रिड ‘ह्यूमनजीज़’ का इस्तेमाल खनन, भारी कृषि कार्य, बाहरी अंतरिक्ष और समुद्र की गहराई जैसी जगहों की खोज के लिए किया जाएगा। हालांकि अभी तक आनुवंशिक रूप से इंजीनियर वानर-मानवों के सफलतापूर्वक उत्पादन के कोई सबूत नहीं मिले हैं। द सन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक ह्यूमनजी का जन्म अमेरिका में एक हाइब्रिडाइजेशन प्रोजेक्ट के दौरान हुआ था लेकिन उसे लैब कर्मियों ने ही मार दिया था। इस प्रोजेक्ट पर अभी भी चीन की एक लैब काम कर रही है जहां कानूनी मुद्दे कम हैं।a

Related posts

जर्मनी के चुनाव में हार की ओर बढ़ रही एंजेला मर्केल की पार्टी, विपक्षी एसपीडी ने बनाई बढ़त

Pradesh Samwad Team

नेटबंदी पर भाजपा ने कांग्रेस को घेरा, कहा- राजस्थान में एक महीने में 4 बार इंटरनेट बंद, ₹800 करोड़ का नुकसान

Pradesh Samwad Team

तालिबान का नया फरमान, चेहरा कवर करके टीवी पर आएं महिला एंकर, ‘मुंह ढककर कैसे पढूंगी खबर’…

Pradesh Samwad Team