जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने शनिवार को उत्तर कोरिया और चीन के खतरों का हवाला देते हुए अपने देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की कसम खाई। जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के कैंप असाला में 800 सैनिकों के सामने किशिदा ने कहा कि जापान के आसपास के सुरक्षा हालात तेजी से बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षमता को मजबूत करने के लिए हम दुश्मन के बेस पर हमला करने की क्षमता जैसे विकल्पों से इनकार नहीं करेंगे।
फुमियो किशिदा ने बताया कि उन्होंने जापान के मध्यम अवधि के रक्षा कार्यक्रम के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा दिशानिर्देशों की समीक्षा का भी आदेश दिया था। उत्तर कोरिया ने हाल ही में कई एडवांस रॉकेटों का परीक्षण किया है, जिसने इस संभावना को बढ़ा दिया है कि जापान की मौजूदा मिसाइल सुरक्षा अप्रभावी हो सकती है। इससे सरकार को नए विकल्पों पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला करने में सक्षम : नए विकल्पों में सरकार ने दुश्मन के इलाके में ही मिसाइल लॉन्च पर हमला करने की क्षमता को शामिल किया है। जापान का शांतिवादी संविधान सिर्फ आत्मरक्षा क्षमताओं की अनुमति देता है और खुद से किए जाने वाले हमलों को खारिज करता है। सरकार जिन विकल्पों की बात कर रही है उन्हें तभी इस्तेमाल किया जाएगा जब यह तय हो जाएगा कि जापान पर हमला हो रहा है। किशिदा ने कहा कि हम इस बात की अनदेखी नहीं कर सकते कि उत्तर कोरिया ने हाइपरसोनिक हथियार और ट्राजेक्टोरी शिफ्टिंग मिसाइलों जैसी नई तकनीकों को कैसे विकसित किया है।
पारदर्शिता के अभाव में सैन्य शक्ति मजबूत कर रहा चीन : जापानी प्रधानमंत्री ने टोक्यो और सैतामा प्रांत के बीच एक कैंप में अपने भाषण के दौरान चीन को लेकर अपनी चिंताएं साझा की। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता के अभाव में अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करते हुए चीन एकतरफा यशास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों के लिए सबसे अहम कर्तव्य जापान की भूमि, जल और हवाई क्षेत्र की दृढ़ता से रक्षा करना और देशवासियों की संपत्ति और जीवन को सुरक्षित बनाना है।