कोरोना का नया वैरिएंट आ चुका है और यूरोप में तेजी से फैल रहा है। यह वैरिएंट वैक्सीन को किस तरह से प्रभावित करता है, इसे लेकर फिलहाल कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन ब्रिटेन से राहत देने वाली एक खबर सामने आई है। दावा किया जा रहा है कि सुपर म्यूटेंट कोविड स्ट्रेन के खिलाफ मजबूत सुरक्षा देने वाली एक ब्रिटिश वैक्सीन पहले से ही अपने अंतिम परीक्षण चरणों में है।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बनाने वाली टीम की ओर से विकसित किए गए फॉर्मूले पर परीक्षण के परिणाम अगले कुछ दिनों में आने वाले हैं। अगर यह फॉर्मूला नए वैरिएंट के खिलाफ असरदार पाया जाता है तो यह कुछ ही हफ्तों में इस्तेमाल के लिए तैयार हो सकता है। यह खबर सरकार के वैक्सीन टास्क फोर्स के एक सदस्य, इम्यूनोलॉजिस्ट प्रोफेसर सर जॉन बेल ने दी है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वर्तमान में दक्षिणी अफ्रीका से नए वैरिएंट को हमारी सीमाओं में घुसने से रोकने में बहुत देर हो चुकी है।
इस्तेमाल करनी पड़ सकती हैं संशोधित वैक्सीन : उन्होंने कहा कि अगर वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे टीके अप्रभावी साबित होते हैं तो टीके के संशोधित रूपों का इस्तेमाल करना जरूरी हो सकता है। हालांकि अच्छी बात यह है कि ब्रिटेन काफी हद तक इस संशोधन के लिए पहले से तैयार था। इसका श्रेय ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका टीम के सदस्यों को दिया जा रहा है। हालिया AZ फॉर्मूला मूल रूप से साउथ अफ्रीका में पहले पाए गए वैरिएंट से लड़ने के लिए बनाया गया था, जिसने डेल्टा से पहले पूरी दुनिया में व्यापक स्तर पर तबाही मचाई थी।
‘शुरुआती लक्षणों से कम घातक होने के संकेत’ : सर जॉन और उनके ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोगी नए वैरिएंट बी1.1.529 की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं, जिसमें 30 म्यूटेशन हैं और यह पिछले हफ्ते ही सामने आया है। इसे ‘ओमीक्रोन’ नाम दिया है। वैज्ञानिक इसके फैलने की क्षमता और इसकी गंभीरता के बारे में और ज्यादा जानने की कोशिश कर रहे हैं। यह पहले ही साउथ अफ्रीका में लोगों को संक्रमित कर चुका है और तेजी से फैल रहा है। लेकिन जॉन का कहना है कि शुरुआती संकेत यह है कि यह अन्य स्ट्रेन की तुलना में कम खतरनाक हो सकता है