भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने हमवतन लक्ष्य से को 17-21, 21-14 और 21-17 से हराकर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई। रविवार को खेले गए इस मुकाबले में किदांबी पहला गेम हारे लेकिन बाकी दो गेम जीतकर वह खिताबी मुकाबले में पहुंचे। पुरुष एकल के फाइनल में पहुंचने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। शनिवार को स्पेन के हुएलावे में हुए मुकाबले में श्रीकांत ने कमाल का खेल दिखाया।
दुनिया के पूर्व नंबर वन खिलाड़ी ने दमदार वापसी की। वह पहला गेम 17-21 से हार गए थे। लेकिन 69 मिनट तक चले मुकाबले में अंत में वह विजेता बनकर सामने आए। आखिरी गेम तक दोनों में कड़ा मुकाबला चल रहा था। लेकिन सेन ने अहम मौकों पर कुछ गलतियां कीं जिसका खमियाजा उन्होंने भुगता। लक्ष्य सेन को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। यह उनकी पहली ही वर्ल्ड चैंपियनशिप थी।
20 वर्षीय लक्ष्य सेन ने शुरुआत अच्छी की और पहले गेम में 11-8 की बढ़त बना ली। लेकिन किदांबी ने वापसी की और एक समय पर स्कोर 17-17 हो गया था।
हालांकि सेन ने यहां चूक नहीं की और 12वीं वरीयता प्राप्त किदांबी को गलतियां करने पर मजबूर किया। किदांबी उस दबाव को झेल नहीं पाए और पहला गेम सेन ने 21-17 से जीत लिया।
दूसरे गेम में भी लक्ष्य आगे चल रहे थे। और ऐसा लग रहा था कि सीनियर किदांबी का सफर समाप्त होने वाला है। सेन एक वक्त पर 8-4 से आगे थे। लेकिन यहां से किदांबी ने लय पकड़नी शुरू की। लक्ष्य की कुछ गलतियों ने उनका काम आसान किया। ब्रेक तक किदांबी 11-9 से आगे थे।
किदांबी रफ्तार पकड़ते गए और उन्होंने अपनी बढ़त 16-12 कर ली। सेन ने वापसी की कोशिश की लेकिन किदांबी ने पकड़ ढीली नहीं होने दी और गेम 21-14 से अपने नाम कर लिया।
अब मैच निर्णायक गेम में पहुंच गया था। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला था। स्कोर लाइन 7-7 थी। दोनों के बीच कमाल की रैलियां हो रही थीं। लेकिन ब्रेक तक लक्ष्य सेन 11-8 से आगे थे। पर मैच अभी पलटना बाकी था। छोर बदले जाने के बाद श्रीकांत ने दमदार खेल दिखाया और स्कोर को पहले 13-13 से बराबर किया और जल्द ही बढ़त हासिल करते हुए स्कोर को 19-16 से अपने पक्ष में कर लिया। आखिर में उन्होंने खुद पर संयम रखा और मैच अपने नाम कर लिया।