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November 22, 2024
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खेल

एसजीएफआई के नाम पर हो रही अवैध वसूली एसजीएफआई के आला अधिकारियों की नाक के नीचे कुछ लोग कर रहे अवैध वसूली


स्पोर्ट्स एज भोपाल।
हाल ही में एक वाकया सामने आया है जिसे तमिलनाडु की एक खेल संस्था से जोकि वेलारी के नाम से खेल कराती है जोकि तमिलनाडु का एक पारंपरिक खेल है ,को एसजीएफआई में शामिल करने के लिए साढ़े तीन लाख रुपए वसूले गए लेकिन उक्त संस्था के खेल वेलारी को वसूली के बाद भी ट्रायल खेल की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया। वर्तमान में जबकि एसजीएफआई की समस्त कार्यकलापो पर प्रतिबंध है बावजूद उसके बाद भी एसजीएफआई के एजेंट खेलो के नाम पर खेलों को शामिल करने हेतु तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर अवैध वसूली कर रहे हैं।
आगरा में रहने वाले शकील खान जोकि हॉकी खिलाड़ी भी है ने तमिलनाडु की इस संस्था से साढ़े तीन लाख रुपए 50 50 हजार की किश्तों में जमा करवाए। वह भी इनके व्यक्तिगत खातों में एक खाता जोकि स्वयं शकील खान के नाम से है जबकि एक अन्य खाता जोकि एक महिला अपराजिता सिंह के नाम से है । जब हमने आगरा स्थित एसजीएफआई के सेक्रेटरी जनरल श्री आलोक खरे से इस सम्बंध में बात की तो उन्होंने बताया यह दोनों लोग उनके अधिकृत कर्मचारी नहीं है और ना ही उनका इसलिए कोई संबंध है। उन्होंने यह भी बताया तमिलनाडु की उक्त संस्था ने प्रॉपर तरीके से हमें आवेदन नहीं दिया । अगर वह में आवेदन देते तो हम उस पर विचार करके खेल को शामिल करते लेकिन अगर एसजीएफआई के नाम से इस तरह की कोई वसूली की गई है तो हम इसकी जांच करवाएंगे। लेकिन जब संवाददाता ने पूछा की क्या आप शकील खान और अपराजिता सिंह के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे तब सेक्रेटरी जनरल ने बताया फिलहाल हम जांच करेंगे उसके बाद जो उचित कदम होगा उठाएंगे।
इस बारे में जब तमिलनाडु की इस संस्था के अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने प्रॉपर तरीके से एसजीएफआई में वेलारी को शामिल करने के लिए आवेदन दिया था उसके बाद ही एसजीएफआई का सदस्य बताते हुए शकील खान ने फोन करके साढ़े तीन लाख रुपए जमा करवाने के लिए कहा जिसे हमने 50 50 हज़ार की किश्तों में शकील खान और अपराजिता सिंह के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किये जिसकी डिटेल्स भी उन्होंने हमें उपलब्ध करवाई है साथ ही एसजीएफआई को मेल किया है एवं लोकल पुलिस स्टेशन में भी इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने जा रहे है।
यहां यह सोचनीय प्रश्न है कि अगर यह सदस्य एसजीएफआई से संबंधित नही है तो एसजीएफआई के अध्यक्ष श्री रनजीत कुमार और सेक्रेटरी जनरल श्री आलोक खरे इनके खिलाफ क्यो एफआईआर दर्ज नही करवा रहे है और अगर यह एसजीएफआई से संबंधित सदस्य है तो भी इनके खिलाफ अमानत में खयानत धोखाधड़ी का मामला बनता है जिस पर इन्हें एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए। वैसे विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार शकील खान 2017-18 से लगातार एसजीएफआई से जुड़ा हुआ है और डीपीएस से नोकरी छोड़ एसजीएफआई से जुड़ गया था और तब से लगातार तत्कालीन सेक्रेटरी जनरल डॉ राजेश मिश्रा से जुड़ा रहा फिर इस बॉडी से जुड़ गया।इस बात की पुष्टि श्री आलोक खरे ने भी की है। इसे एसजीएफआई के कई आयोजनों और कार्यक्रमो में एसजीएफआई का प्रतिनिधित्व करते हुए देखा गया है जबकि अपराजिता सिंह भी एसजीएफआई से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हुई है।
हाल ही में 20 अक्टूबर को खेल विभाग द्वारा इनकी गतिविधियों को देखते हुए नए सिरे से चुनाव करवाने हेतु श्री उमेश सिन्हा रिटायर्ड आईएएस एवं पूर्व सचिव निर्वाचन आयोग को जिम्मेदारी दी गई है जो एसजीएफआई के विधिवत चुनाव सम्पन्न करवाएंगे।
20 अक्टूबर 2022 को खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्कूली खेलों में हो रहे भ्रष्टाचार को देखते हुए तत्कालीन सचिव राजेश मिश्रा से रिकवरी करने के आदेश दिए गए तथा नए चुनाव कराने हेतु 31 जनवरी 2023 तक का समय निर्धारित किया इसके लिए उन्होंने श्री उमेश सिन्हा रिटायर्ड आईएएस एवं पूर्व सचिव निर्वाचन आयोग भारत सरकार को जिम्मेदारी देते हुए एसजीएफआई का चुनाव अधिकारी नियुक्त किया । जो 31 जनवरी 2023 तक एसजीएफआई की विधिवत चुनाव संपन्न कराएंगे । वर्तमान में 20 अक्टूबर 2022 से संपूर्ण भारत देश में कोई भी व्यक्ति एसजीएफआई का न तो सचिव है और नही अध्यक्ष है।खेल मंत्रालय के आदेश के अनुसार संपूर्ण दायित्व श्री उमेश सिन्हा रिटायर्ड आईएएस का है जो निर्विवाद रूप से चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न करवाएंगे।

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