मध्य प्रदेश में ओमीक्रोन के खतरे को लेकर राज्य सरकार एक्शन में आ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रभारी मंत्रियों को मैदान में उतार दिया है। मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में अस्पतालों का निरीक्षण करने को कहा गया है। वे यह देखेंगे कि अस्पताल में सारी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं या नहीं। उनकी रिपोर्ट के आधार पर अगले मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में पूरे राज्य के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा।
एमपी में बीते 19 दिन में 288 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। रोजाना मिलने वाले नए मामलों की संख्या औसतन 15 है। सबसे ज्यादा 129 पॉजिटिव भोपाल में मिले हैं। 19 दिन में इंदौर में 100 संक्रमित मिले हैं। प्रदेश में अब तक 7 लाख 93 हजार 266 पॉजिटिव मिल चुके हैं। इनमें से 7 लाख 82 हजार 597 मरीज ठीक हो चुके हैं। कोरोना से अब तक 10 हजार 529 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश में रिकवरी रेट 98% से ज्यादा है।
पड़ोसी राज्यों में ओमीक्रोन के मामले सामने आने के बाद अब एमपी में सतर्कता बढ़ा दी गई है। महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक जाने के लिए वैक्सीनेशन के दोनों डोज का सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। एयरलाइंस कंपनी के अनुसार यदि ये नहीं है तो फिर 48 घंटे के अंदर आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में भी ओमीक्रोन के खतरे के बीच संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। हालात तीन महीने पहले जैसी हाे गई है, जब रोजाना 40-50 मरीज मिल रहे थे। दिसंबर के शुरुआती 6 दिनों में ही एक दिन में संक्रमितों का आंकड़ा दो बार 44 तक पहुंच गया है। सोमवार को प्रदेश में 44 लोग संक्रमित पाए गए। पॉजीटिविटी रेट भी बढ़कर 0.19% हो गई है। सबसे अधिक 10 मरीज अकेले कोरबा में मिले। बलरामपुर में 6 और दुर्ग, जशपुर में भी 5-5 मरीज मिले हैं। इससे पहले 4 दिसंबर को भी प्रदेश में 44 कोरोना संक्रमित पाए गए थे।
स्वास्थ्य विभाग ओमीक्रोन प्रभावित राज्यों-शहरों से आने वालों पर नजर रख रहा है। इसके लिए जल्द नई गाइडलाइन भी जारी की जा सकती है। प्रदेश के 6 जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना का कोई मरीज नहीं है। इनमें गरियाबंद, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर, सुकमा और नारायणपुर का नाम शामिल है।