भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने नौकरशाही के खिलाफ विवादित बयान देते हुए कहा है, ‘‘ब्यूरोक्रेसी की औकात कुछ नहीं होती है, बल्कि चप्पल उठाने वाली होती है और हमारी चप्पल उठाती है।’’ इस पर कांग्रेस ने कहा कि उमा को अपने इस बयान के लिए मांफी मांगनी चाहिए।
उमा ने यह बात शनिवार को भोपाल में पिछड़े वर्ग के एक प्रतिनिधिमंडल से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कही, जिसे सोशल मीडिया पर विभिन्न उपयोगकर्ताओं ने सोमवार को साझा किया। यह वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री ने नौकरशाही के खिलाफ अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल करने को लेकर खेद प्रकट किया।
इस वीडियो में कथित तौर पर उमा कह रही हैं, ‘‘आपको नहीं पता ब्यूरोक्रेसी (नौकरशाही) कुछ नहीं होती, चप्पल उठाने वाली होती है। चप्पल उठाती है हमारी। हम लोग ही राजी हो जाते हैं उसके लिए।’’
इसके आगे वह कहती हैं, ‘‘आपको क्या लगता है कि ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती है। नहीं, नहीं। पहले अकेले में बात हो जाती है और फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल उठाकर लाती है। ग्यारह साल तक मैं (केन्द्र में) मंत्री रही हूं, (मध्य प्रदेश की) मुख्यमंत्री भी रही हूं। पहले हमसे बात होती है, फिर फाइल प्रोसेस होती है। उसके बाद फाइल जाती है।’’
उमा ने इस वीडियो में आगे कहा, ‘‘ये सब फालतू की बातें हैं कि ब्यूरोक्रेसी घुमाती है। ब्यूरोक्रेसी घुमा ही नहीं सकती। उनकी औकात क्या है? हम उनको तनख्वा दे रहे हैं। हम उनको पोस्टिंग दे रहे हैं। उनकी कोई औकात नहीं है। असली बात तो यह है कि हम ब्यूरोक्रेसी के बहाने अपनी राजनीति साधते हैं।’’
वीडियो सामने आने के बाद उमा ने सोमवार शाम को पांच ट्वीट कर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘परसों भोपाल में मेरे निवास पर पिछड़े वर्गों का एक प्रतिनिधि मण्डल मुझसे मिला। यह मुलाकात औपचारिक नहीं थी। उस पूरी बातचीत का वीडियो मीडिया में वायरल हुआ है।’’
उन्होंने आगे लिखा, ‘‘मैं मीडिया की आभारी हूँ कि उन्होंने मेरा पूरा ही वीडियो दिखा दिया क्यूँकि मैं तो ब्यूरोक्रसी के बचाव में ही बोल रही थी।’’
उमा ने कहा, ‘‘मुझे रंज है कि मैंने असंयत भाषा का उपयोग किया, जबकि मेरे भाव अच्छे थे। मैंने आज से यह सबक सीखा कि सीमित लोगों के बीच अनौपचारिक बातचीत में भी संयत भाषा का प्रयोग करना चाहिये।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘हम नेताओं में से कुछ सत्ता में बैठे निक्कमे नेता अपने निकम्मेपन से बचने के लिये ब्यूरोक्रेसी की आड़ ले लेते हैं कि ‘हम तो बहुत अच्छे हैं लेकिन ब्यूरोक्रसी हमारे अच्छे काम नहीं होने देती’, जबकि सच्चाई यह है कि ईमानदार ब्यूरोक्रसी सत्ता में बैठे हुए मजबूत, सच्चे एवं नेक इरादे वाले नेता का साथ देती है। यही मेरा अनुभव है।’’
उमा के नौकरशाही पर दिये गये इस विवादित बयान को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने घोर आपत्तिजनक बताया है और कहा कि उन्हें अपने इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए।
दिग्विजय ने ट्वीट किया, ‘‘उमा आप मेरी छोटी बहन के नाते मुझे कम बोलने के लिए चेताती रही हैं। लेकिन आपने नौकरशाहों के खिलाफ जो अपशब्दों का उपयोग किया है, वे घोर आपत्तिजनक हैं।’’
उन्होंने आगे लिखा, ‘‘भारतीय संविधान में ब्यूरोक्रेसी नियम व कानून के अंतर्गत निष्पक्षता से कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे आपके नौकर नहीं हैं, चप्पल उठाने वाले लोग नहीं हैं। आप (उमा भारती) केंद्रीय मंत्री रही हैं, मुख्यमंत्री रही हैं। इस प्रकार की टिप्पणी आपको नहीं करनी चाहिए। आपको माफी मांगनी चाहिए।’’