पूर्व सीएम उमा भारती (Former CM Uma Bharti News) के तेवर इन दिनों फिर से बदल रहे हैं। उनकी तेवर ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक के नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। उमा करीब एक साल से एमपी में शराबबंदी की मांग कर रही थीं। बाद में वह शांत हो गई थीं। दो दिन पहले उन्होंने एमपी में फिर से शराबबंदी की मांग की है। साथ ही कह दिया है कि अब लठ्ठ से शराबबंदी करवानी पड़ेगी।
शराबबंदी वाली मांग के बाद उमा भारती ने रेलवे को निशाने पर लिया है। इसके जरिए उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से सवाल किया है कि पता नहीं, उन्हें इस लापरवाही के बारे में जानकारी है कि नहीं। उमा भारती ने ट्वीट किया है कि मैं ओरछा में रामराजा सरकार के दर्शन करने के लिए झांसी रेलवे स्टेशन पर उतरी हूं। झांसी में तीन साल पहले झांसी रेलवे स्टेशन के दुरस्तीकरण का कार्य प्रारंभ हुआ था, उसमें से कुछ काम को तो कुछ महीनों में ही खत्म हो जाना था।
उमा भारती ने कहा कि आज हमें दुख हुआ कि काम अभी तक खत्म नहीं हुआ। यात्रियों को भारी असुविधा है, पता नहीं कि अश्विनी वैष्णव को इस घोर लापरवाही की खबर है या नहीं। पूर्व सीएम ने आगे लिखा कि मैंने इस संबंध में रेल विभाग को झांसी रेलवे स्टेशन के अधिकारियों के माध्यम से खबर दी है कि सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करिए अन्यथा आपको भारी जन आक्रोश का सामना करना पड़ेगा क्योंकि लोग बहुत परेशान हैं।
पूर्व सीएम उमा भारती के इस ट्वीट के सियासी गलियारों में बहुत मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अपनी सरकार की नीतियों पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाकर उमा अपने इरादे स्पष्ट कर रही हैं। वहीं, शराबबंदी वाली मांग पर एमपी में बीजेपी के बड़े नेताओं ने चुप्पी साध ली है। हालांकि उमा भारती खुलकर बोल भी नहीं रही हैं कि उनकी चाहत क्या है।
राज्यसभा पद के लिए थीं दावेदार : वहीं, सूत्र बताते हैं कि एमपी में राज्यसभा की एक सीट खाली थी। इस सीट के लिए एमपी से उमा भारती का नाम भी रेस में था। मगर पार्टी ने प्रदेश के किसी नेता को मौका नहीं दिया। उमा भारती ने जिस दिन शराबबंदी की मांग की, उसी दिन इस सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर दी गई। केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन को पार्टी ने राज्यसभा भेजने का फैसला किया है।
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