अफगानिस्तान के राष्ट्रपति देश छोड़ने के बाद पहली बार दुनिया के सामने आए। संयुक्त अरब अमीरात ने देश के नाम संबोधन में अपने भागने के पीछे की वजह बताई। गनी का कहना है कि अगर वह देश में रुक जाते तो हिंसा होने का डर था। गनी ने अपने साथ कैश लेकर भागने के आरोपों को भी गलत बताया है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि गनी ने हामिद करजई के साथ तालिबान की बातचीत का समर्थन भी किया है।
बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात ने माना है कि गनी और उनका परिवार वहीं रह रहा है। गनी पर अफगान जनता बेहद नाराज है जिसे वह कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के डर के बीच छोड़कर चले गए हैं। UAE का कहना है कि उसने मानवीय आधार पर गनी और उनके परिवार को देश में पनाह दी है। UAE की ओर से सरकारी WAM न्यूज एजेंसी ने इसे लेकर विदेश मंत्री की ओर से बयान जारी किया है। हालांकि, यह नहीं बताया गया है कि UAE के अंदर गनी कहां हैं।
गनी ने अपने बयान में लोगों से पूरा सच जानने की अपील की है। उन्होंने कहा कि काबुल के अंदर तालिबान के आते ही उनकी जान पर खतरा होने की आशंका जताई गई थी। तालिबानी लड़ाके उन्हें ढूंढ रहे थे। गनी का कहना है कि वह अफगानिस्तान वापस लौटेंगे और अफगानिस्तान के लोगों को इंसाफ दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बारे में चर्चा कर रहे थे।
सालेह ने खुद को घोषित किया था राष्ट्रपति : गनी का बयान ऐसे वक्त में आया है जब उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं कभी भी और किसी भी परिस्थिति में तालिबान के आतंकवादियों के सामने नहीं झुकूंगा। मैं अपने नायक अहमद शाह मसूद, कमांडर, लीजेंड और गाइड की आत्मा और विरासत के साथ कभी विश्वासघात नहीं करूंगा। मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा जिन्होंने मेरी बात सुनी। मैं तालिबान के साथ कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहूंगा। कभी नहीं।