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November 22, 2024
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अमेरिका में गोलीबारी से परेशान जो बाइडेन का ऐलान : बस बहुत हुआ, हथियारों पर लगाएंगे प्रतिबंध


अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बढ़ती गोलीबारी की घटनाओं पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस से हथियारों पर प्रतिबंध लगाने, खरीद से पहले बैकग्राउंड जांच को और पुख्ता बनाने और प्रभावी बंदूक नियंत्रण उपायों को लागू करने का आग्रह किया। व्हाइट हाउस से अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए बाइडेन ने कहा कि “बस, बहुत हो गया!” बाइडेन ने हाल में ही टेक्सास के स्कूल, ओकलाहोमा में एक मेडिकल बिल्डिंग और न्यूयॉर्क के बफैलो में एक किराने की दुकान में हुई गोलीबारी से स्तब्ध देश से पूछा कि अमेरिका में बंदूक कानूनों को बदलने के लिए कितना समय लगेगा।
असाल्ट वेपन और हाई कैलिबर मैगजीन पर लगाएंगे प्रतिबंध : बाइडेन ने कहा कि हमें असाल्ट वेपन और हाई कैलिबर वाली मैजजीन पर प्रतिबंध को बहाल करना चाहिए जिसे हमने 1994 में पारित किया था। यह कानून 10 साल तक लागू था, जिस दौरान गोलीबारी की घटनाओं में बड़े पैमाने पर कमी आई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 2004 में रिपब्लिकन पार्टी के कार्यकाल में इस कानून को खत्म कर हथियार बेचने की फिर से अनुमति दे दी गई थी। बाइडेन ने पूछा कि भगवान के लिए, हम और कितना नरसंहार स्वीकार करने को तैयार हैं?
बाइडेन ने कांग्रेस को सुझाए कई उपाय : राष्ट्रपति ने कांग्रेस से कई ऐसे कदम उठाने का आग्रह किया जिसका रिपब्लिकन पार्टी विरोध करती आई है। इसमें असाल्ट वेपन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना, या, यदि यह संभव नहीं था, तो उन हथियारों को खरीदने के लिए न्यूनतम आयु को 18 से बढ़ाकर 21 करना और निरस्त करना शामिल है। इसमें बंदूक निर्माताओं को कटघरे में लाने के लिए उनके दिए गए हथियारों से हिंसा होने पर मुकदमा चलाने से बचाने वाले दायित्व कानून को खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हम अमेरिकी लोगों को फिर से उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते हैं।
अमेरिका में बंदूकों से मौत का आंकड़ा काफी ज्यादा : अमेरिका उच्च आय वाले देशों में शीर्ष पर है। ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक विश्लेषण के अनुसार, अमेरिका में बंदूक से मारे गए बच्चों की संख्या ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन, इंग्लैंड और वेल्स जैसे कई अन्य उच्च आय वाले देशों के मुकाबले 36.5 गुना अधिक है। हाल के वर्षों में हुए कुछ अंतरराष्ट्रीय शोध ने भी साबित किया है कि बंदूक के स्वामित्व की उच्च दरों का बड़े पैमाने पर होने वाली बंदूक हिंसा की घटनाओं से करीबी संबंध है।

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