संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत ने सुरक्षा परिषद को बताया कि तालिबान को पाकिस्तान से सुरक्षित पनाहगाह, जंगी मशीनों तक सुविधाओं की आपूर्ति और रसद लाइन की सुविधा मिल रही है। उन्होंने कहा कि इससे उनके देश में युद्ध को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान के साथ एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करने की दिशा में विश्वास और कम हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि गुलाम इसाकजई ने कहा कि अफगानिस्तान में प्रवेश करने के लिए डूरंड रेखा के करीब तालिबान लड़ाकों के एकत्र होने और पाकिस्तानी अस्पतालों में घायल तालिबान लड़ाकों के इलाज की तस्वीरें और वीडियो व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि तालिबान को पाकिस्तान एक सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करा रहा है और पाकिस्तान उनकी जंगी मशीन तक आपूर्ति और रसद लाइन पहुंचाता है।
इसाकजई ने सुरक्षा परिषद को बताया कि कहा कि यह न केवल 1988 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध आदेश का एक घोर उल्लंघन है, बल्कि अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान के साथ सहयोगात्मक संबंध स्थापित करने की दिशा में विश्वास को और कम करता है। 15 देशों के यूएनएससी ने शुक्रवार को अफगानिस्तान की स्थिति पर एक बैठक की। वर्तमान में अगस्त महीने के लिए भारत इसका अध्यक्ष है।
इसाकजई ने परिषद को बताया कि पिछले महीने ताशकंद में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के नेतृत्व के बीच हुए समझौते के अनुरूप, हम पाकिस्तान से तालिबान के पनाहगाहों और आपूर्ति लाइनों को हटाने और नष्ट करने में मदद करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास के तहत मिलकर काम करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने दोहराया कि अफगानिस्तान एक दूसरे की संप्रभुता के लिए पारस्परिक सम्मान के आधार पर पाकिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के अलावा और कुछ नहीं चाहता है।