22.5 C
Madhya Pradesh
December 9, 2024
Pradesh Samwad
उत्तर प्रदेशप्रदेशराजनीति

संत समाज बोला : महंत नरेंद्र गिरि की मौत का सच सामने आना चाहिए


अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद संत समाज शोक में डूबा हुआ है। उनकी मौत को लेकर कोई सीबीआई से जांच कराने की बात कर रहा है तो कोई न्यायलय से। लेकिन संत समाज चाह रहा है कि उनकी मौत का सच समाज के सामने आए, जिससे ‘दूध का दूध पानी का पानी’ हो सके। गोवर्धन पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी आधोक्षानंद देव तीर्थ का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरि का निधन समाज की बड़ी क्षति है। वे धर्म और संस्कृति के रक्षक थे। उनकी मौत की घटना की जांच होनी चाहिए, जिससे सच समाज के सामने आ सके।
आखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि ने कहा, “पहले तो हम महंत की समाधि बनवाना चाहते हैं। इसके बाद पूरा आखाड़ा बैठकर आपस में राय-मशिविरा करेंगे। इसके बाद कोई निर्णय लेंगे।”
स्वामी हरि चैतन्य ब्रह्मचारी टीकरमाफी आश्रम के पीठाधीश्वर ने कहा, “महंत की मौत का सच समाज के समाने आना चाहिए। यह घटना समाज के लिए एक कलंक है। संत दूसरों को मार्ग दिखाते हैं, वे फांसी क्यों लगा लेंगे। अखिर उन्हें कौन सा ऐसा कष्ट था। वह फांसी नहीं लगा सकते। उनके साथ कोई न कोई षड्यंत्र जरूर हुआ है। उनका पूरा शरीर काला पड़ चुका था। आखाड़ा वाले निर्णय लेंगे। इसका सच जरूर सामने आए। दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। जो तरह-तरह की बातें आ रही हैं, समाप्त हो जाएंगी। अगर कोई फांसी लगाता है तो संत उसकी सदैव निंदा करते हैं। सच को सामने लाने की जरूरत है।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मायानंद ने कहा, “आखाड़ा परिषद कोई साधारण संस्था नहीं है। देश के जितने साधु-संत किसी न किसी आखाड़ा जुड़े हैं। 13 आखाड़े होते हैं। उस परिषद का नेतृत्व नरेंद्र गिरि कर रहे थे। वह शक्तिशाली व्यक्ति थे, वह आत्महत्या नहीं कर सकते। उनकी हत्या हुई है। इसकी जांच या तो सीबीआई से हो या फिर न्यायिक प्राणाली से होनी चाहिए। उनकी संपत्ति पर या तो कब्जा करना चाहते थे। इसमें एक राजनीतिक दल विशेष का हाथ है। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए, क्योंकि कुछ राजनीतिक लोग योगी आदित्यनाथ को बदनाम करना चाहते हैं।”
ज्ञात हो कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को प्रयागराज में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद सख्त होने के बाद अब जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित की गई है। प्रयागराज के डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन कर टीम का नेतृत्व डिप्टी एसपी अजीत सिंह चौहान को सौंपा है।

Related posts

सभी एसडीएम और तहसीलदार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही निरंतर करें

Pradesh Samwad Team

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शिखर शिक्षा समिति द्वारा एक रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया

Pradesh Samwad Team

भाजपा ने विधान परिषद चुनाव के लिये 20 उम्मीदवारों की घोषणा की

Pradesh Samwad Team