29.3 C
Madhya Pradesh
November 8, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेश

लैंड बाउंड्री लॉ को चीन ने बताया ‘घरेलू कानून’, कहा- संधियों पर नहीं पड़ेगा असर, बेकार की अटकलें न लगाएं


चीन ने गुरुवार को कहा कि उसका नया भूमि सीमा कानून मौजूदा सीमा संधियों के कार्यान्वयन को प्रभावित नहीं करेगा और संबंधित देशों को ‘सामान्य कानून’ के बारे में ‘अनुचित अटकलें’ लगाने से बचना चाहिए। चीन की राष्ट्रीय विधायिका- नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने 23 अक्टूबर को भूमि सीमा क्षेत्रों के संरक्षण पर नया कानून अपनाया। इस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है क्योंकि इसे पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सैन्य गतिरोध के बीच पारित किया गया।
चीनी ड्रैगन को टक्‍कर देगा भारत का ‘अग्निबाण’, जानें किसकी मिसाइल में कितना दम : भारत ने नया भूमि सीमा कानून लाने पर बुधवार को पेइचिंग पर हमला बोलते हुए कहा कि वह उम्मीद करता है कि चीन कानून के ‘बहाने’ सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति को ‘एकतरफा’ बदल सकने वाली कोई भी कार्रवाई करने से बचेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कानून लाने के चीन के फैसले को ‘चिंता’ का विषय बताया क्योंकि इसका सीमा के प्रबंधन और समग्र सीमा प्रश्न संबंधी मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों पर प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा कानून लाने का चीन का एकतरफा फैसला हमारे लिए चिंता का विषय है जो सीमा प्रबंधन के साथ-साथ सीमा के सवाल पर हमारी मौजूदा द्विपक्षीय व्यवस्था पर प्रभाव डाल सकता है।’
मौजूदा सीमा संधियों पर नहीं पड़ेगा असर : भूमि सीमा कानून पर सवालों के जवाब में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, ‘यह एक सामान्य घरेलू कानून है जो हमारी वास्तविक जरूरतों को पूरा करता है और अंतरराष्ट्रीय परिपाटी की पुष्टि भी करता है।’ विदेश मंत्रालय के प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘इस कानून में अपने पड़ोसी देशों के साथ चीन के सहयोग और भूमि सीमा मुद्दों से निपटने के लिए स्पष्ट शर्तें हैं।’ भारत की चिंताओं के स्पष्ट संदर्भ में, वांग ने कहा, ‘यह चीन की मौजूदा सीमा संधियों के कार्यान्वयन को प्रभावित नहीं करेगा और न ही यह पड़ोसी देशों के साथ हमारे सहयोग में मौजूदा परिपाटी को बदलेगा।’
अनुचित अटकलें लगाने से बचें देश : उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब यह नहीं है कि सीमा संबंधी मुद्दे पर हमारे रुख में बदलाव आया है।’ भारत की ओर से कानून की आलोचना किए जाने से संबंधित एक सवाल के जवाब में वांग ने कहा, ‘मैंने अभी आपको कानून के पीछे के विचारों के बारे में जानकारी दी है। हमें उम्मीद है कि संबंधित देश चीन में सामान्य कानून के बारे में अनुचित अटकलें लगाने से बचेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘कानून का अनुच्छेद 62 इसे लागू करने में सैन्य और स्थानीय क्षेत्रीय विभागों के कर्तव्यों को निर्धारित करता है। यह सीमांकन प्रक्रियाओं के लिए नियम निर्धारित करता है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के रूप में सीमाओं के रक्षा और प्रबंधन के क्षेत्रों को भी शामिल करता है।’
भारत और भूटान के साथ सीमा विवाद : उन्होंने कहा, ‘चीन की 22,000 किलोमीटर की भूमि सीमा है। इसके 14 पड़ोसी देश हैं। कानून की घोषणा सीमा प्रबंधन को मजबूत करने और प्रासंगिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एकीकृत मानकों का समन्वय करने के लिए है।’ भारत और भूटान दो ऐसे देश हैं जिनके साथ चीन को अभी सीमा समझौतों को अंतिम रूप देना है, जबकि पेइचिंग 12 अन्य पड़ोसियों के साथ सीमा विवाद सुलझा चुका है। दोनों पक्ष यह कहते रहे हैं कि सीमा मुद्दे के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना आवश्यक है।

Related posts

फ्रांस ने ब्रिटेन आने-जाने पर लगाई रोक, ओमीक्रोन की घातक रफ्तार से यूरोप में ‘हाहाकार’,

Pradesh Samwad Team

शिबहारा, कूलहोफ ने ऐतिहासिक फ्रेंच ओपन फाइनल में मिश्रित युगल खिताब जीता

Pradesh Samwad Team

इजरायल ने गाजा की ओर बनाई 65 किमी लंबी हाइटेक ‘दीवार’, पलक झपकते ही खत्‍म होंगे दुश्‍मन

Pradesh Samwad Team