लखनऊ की ‘थप्पड़बाज’ युवती प्रियदर्शिनी नारायन उर्फ लक्ष्मी पर लगा लूटपाट का आरोप अब तक साबित नहीं हो सका है। इसके चलते पुलिस लूट की धारा हटा सकती है। अगर इस मामले में लूट की धारा हटाई जाती है तो प्रियदर्शिनी के ऊपर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार हट जाएगी। पिछले दिनों प्रियदर्शिनी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह एक कैब ड्राइवर को थप्पड़ लगा रही थी।
सूत्रों के मुताबिक, प्रियदर्शिनी के खिलाफ कृष्णानगर कोतवाली में दर्ज लूटपाट के मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर बंथरा को लूटपाट का आरोप सही नहीं मिला है। लोगों के बयान और वीडियो फुटेज से प्रियदर्शिनी पर लगा लूट का आरोप साबित नहीं हो पा रहा है। पुलिस को अपनी विवेचना में अब तक प्रियदर्शिनी पर मारपीट और कार में तोड़फोड़ के सबूत मिले हैं।
मारपीट और तोड़फोड़ की धारा में चार्जशीट : ऐसे में अब जल्द ही इस मामले में मारपीट और तोड़फोड़ की धारा में प्रियदर्शिनी के खिलाफ चार्जशीट फाइल की जा सकती है। जानकार बताते हैं कि अगर प्रियदर्शिनी पर लगी लूट की धारा को हटाया जाता है तो उसकी गिरफ्तारी भी नहीं हो सकती है, क्योंकि मारपीट और अन्य धाराओं में सात साल से कम की सजा है।
गाड़ी का करवाया गया टेक्निकल मुआयना : मामले की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर बंथरा जीतेंद्र सिंह ने बताया कि कैब चालक की शिकायत पर कृष्णानगर कोतवाली में दर्ज एफआईआर के मामले में पीड़ित और आरोपी पक्ष का बयान दर्ज किया जा चुका है। सोमवार को पीड़ित सआदत अली की गाड़ी को टेक्निकल मुआयने के लिए बुलाया गया था।
नाइट ऑफिसर का बयान दर्ज होना बाकी : सोमवार को बंथरा थाने में गाड़ी का टेक्निकल मुआयना करवाया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी कृष्णानगर कोतवाली में घटना के समय नाइट ऑफिसर दरोगा मन्नान का बयान होना बाकी है। उनसे संपर्क कर जल्द ही बयान दर्ज किया जाएगा।