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January 15, 2025
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रातों रात नहीं बदल पाएगी एयर इंडिया की तस्वीर, टाटा को करनी पड़ेगी काफी मशक्कत

टाटा सन्स (Tata Sons) ने एयर इंडिया (Air India) की खरीद के लिए बोली 18000 करोड़ रुपये में जीती है। लेकिन यह कर्ज में डूबी ओर खस्ताहाल हो चुकी एयर इंडिया पर टाटा के खर्च की शुरुआत है। एयर इंडिया को एविएशन में बनाए रखने के लिए और अधिक संसाधन आवंटित करने होंगे। हो सकता है कि कंपनी को डिजिटल, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में महत्वाकांक्षी कदम उठाने पड़ें। रतन टाटा (Ratan Tata) भी कह चुके हैं कि एयर इंडिया को फिर से खड़ा करने के लिए बहुत मेहनत लगेगी।
टाटा सन्स की बैलेंस शीट उभरते व्यवसायों में निवेश को तेजी से दर्शाने के लिए तैयार है क्योंकि टाटा सन्स विकास के अवसरों को भुनाने पर नजर रखती है और उसका लक्ष्य है कि उनमें से कम से कम एक को टीसीएस जैसी नकदी उगलने वाली मशीन बनाया जा सके। टाटा सन्स की आय में टीसीएस का योगदान 85% से भी ज्यादा है, जो कि सबसे अधिक है।
टाटा सन्स के लिए खर्चा कोई समस्या नहीं : हालांकि, टाटा सन्स के लिए धन की कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि यह मौजूदा स्टील अपसाइकिल, टीसीएस के निरंतर अच्छे प्रदर्शन और अपनी ऑपरेटिंग कंपनियों के प्रभावशाली बाजार पूंजीकरण का आनंद ले रही है। टाटा सन्स के निवेश का बाजार मूल्य 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि कंपनी पर 25396 करोड़ रुपये का कर्ज है। यानी टाटा सन्स आरामदायक स्थिति में है। यह इसे अपने निवेश का मॉनेटाइजेशन करके पूंजी जुटाने की भी अनुमति देता है।
एयर इंडिया से नई उड़ान भरने के बजाय नीचे न आ जाए टाटा समूह : हाल ही में टाटा सन्स ने BigBasket, 1MG और तेजस नेटवर्क्स को खरीदने के लिए काफी राशि खर्च की है और प्रतिस्पर्धा को मात देने के लिए और अधिक खर्च करने की योजना है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि एविएशन गहन पूंजी और पैसे खोने वाले उद्यम के रूप में जाना जाता है। हो सकता है कि एविएशन सेक्टर टाटा समूह को थोड़ा नीचे ले आए। आंतरिक रूप से मुंबई में टाटा समूह के मुख्यालय बॉम्बे हाउस ने अनुमान लगाया है कि व्यापार 2025 तक लाभ नहीं कमाएगा, जब वैश्विक यात्री यातायात पूर्व-कोविड स्तर पर लौटने की उम्मीद है।
मौजूदा हवाई परिचालनों से 9,000 करोड़ का नुकसान : टाटा सन्स के मौजूदा एयरलाइन स्टार्टअप में एयरएशिया इंडिया और विस्तारा शामिल हैं। इन दोनों में परिचालन शुरू होने के बाद से टाटा ने 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। कंपनी को अब तक 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। टाटा सन्स एयर इंडिया पर भी मोटा पैसा खर्च करना पड़ेगा। वहीं कर्ज भी चुकाना है। 31 अगस्त 2021 तक एयर इंडिया पर 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था। विनिंग बिडर टाटा सन्स 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज वहन करेगी। इसके बाद एयर इंडिया पर 46,262 करोड़ रुपये का कर्ज बचेगा।

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