पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि सभी राजनीतिक दल मूल चुनाव आचार संहिता पर सहमत नहीं होते हैं तो अगला चुनाव ‘रक्तरंजित’ हो सकता है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल ने नेशनल असेम्बली में कहा, ‘‘घृणास्पद स्थिति के मद्देनजर, हमें (चुनाव) आचार संहिता पर एकजुट होना होगा…यदि राजनीतिक दल एक साथ नहीं आते हैं…तो अगला चुनाव रक्तरंजित होगा।’’
उन्होंने कहा कि यदि राजनीतिक दलों ने अपने लोकतांत्रिक रवैये को छोड़ दिया तो इससे हिंसक टकराव की स्थिति पैदा होगी। उन्होंने आगाह किया, ‘‘हमें अपने रुख पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि चीजें उसी दिशा में बढ़ रही हैं।’’ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) जल्द चुनाव कराने की मांग की है। बिलावल ने दोहराया कि राजनीतिक दल एक बुनियादी आचार संहिता बनाएं ताकि देश को चलाया जा सके और चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो सकें।
विदेश मंत्री ने कहा कि सहयोगी दल ‘लोकतंत्र चार्टर’ चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह संभव नहीं हो पाता है, तो कम से कम किसी प्रकार की आचार संहिता होनी चाहिए। बिलावल ने कहा कि चुनाव सुधारों के बाद ही चुनाव कराने चाहिए और पीटीआई सहित सभी संसदीय दलों को इस मसले पर एक साथ लिया जाना चाहिए।
पीपीपी प्रमुख ने दावा किया कि तत्कालीन इमरान सरकार के एक पूर्व मंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव से एक दिन पहले उनसे सम्पर्क किया था और चेतावनी दी थी कि यदि विपक्ष मध्यावधि चुनाव के लिए सहमत नहीं होता तो देश में मार्शल लॉ लागू किया जाएगा। चुनावों में हिंसा के बारे में बिलावल की टिप्पणी तब आई है जब अपनी रैलियों में इमरान खान ने चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सड़कों पर संघर्ष करके सरकार गिराने की चेतावनी दी।