पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अपने ही मातहतों से काफी नाराज चल रहे हैं। यही कारण है कि उन्होंने अमेरिका स्थित पाकिस्तानी दूतावास को चिट्ठी लिखकर अक्षम करार दिया है। अब पाकिस्तानी विदेश मंत्री की यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस चिट्ठी में कुरैशी ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच राजनयिक संचार की कमी का हवाला देते हुए कड़ी नाराजगी जताई है।
पाक विदेश मंत्री ने अपने राजनयिकों को लगाई डांट : कुरैशी ने लिखा कि अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति और पाकिस्तान द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वाइट हाउस पाकिस्तानी नेतृत्व के प्रति उदासीन बना हुआ है। पाकिस्तान के तमाम प्रयासों के बावजूद प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात पर कड़ा रुख अपनाया है।
जो बाइडन के पाक को महत्व न देने पर भड़के कुरैशी : उन्होंने आगे कहा कि विदेश मंत्रालय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के कार्यालय और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच राजनयिक संचार की सुविधा के लिए एक वातावरण बनाने में वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तान दूतावास की अक्षमता पर अपनी चिंता व्यक्त करता है। बता दें कि जो बाइडन ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अबतक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से बात नहीं की है।
कुरैशी बोले- पर्याप्त उपाय करे पाकिस्तानी दूतावास : कुरैशी ने कहा कि यह पाकिस्तान के राजनयिक दृष्टिकोण की खामी को प्रदर्शित करता है। उन्होंने वाइट हाउस के अधिकारियों पर गुस्सा जताते हुए कहा कि दुर्भाग्य से अमेरिकी राष्ट्रपति को सलाह देने वाले वाइट हाउस के कर्मचारियों की दया पर पाकिस्तानी दूतावास निर्भर है। ऐसे में आपसे (पाकिस्तानी दूतावास) पर्याप्त उपाय करने की अपेक्षा की जाती है।
इमरान खान जता चुके हैं बेबसी : जो बाइडन के फोन न करने को लेकर इमरान खान सार्वजनिक रूप से बेबसी जता चुके हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति तो एक बिजी व्यक्ति हैं, इसलिए फोन नहीं किया होगा। पाकिस्तान के बड़बोले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोइद यूसुफ ने धमकाने के अंदाज में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार पाकिस्तान की उपेक्षा करते रहे तो हमारे पास और भी विकल्प मौजूद हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने नवाज शरीफ को किया था फोन : इससे पहले के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण करने से पहले ही तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन कर लिया था। बाइडन के इस रुख से इमरान खान टेंशन में आ गए हैं और लगातार अमेरिकी राष्ट्रपति को मनाने की कोशिश की जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान से किनारा कर लिया है।