वॉशिंगटन : अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा 2030 के आखिर तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन का संचालन जारी रखेगा, जिसके बाद आईएसएस को रिटायर कर दिया जाएगा। 2031 में आईएसएस प्रशांत महासागर के एक दूरस्थ हिस्से में क्रैश हो जाएगा, जिसे प्वाइंट निमो के रूप में जाना जाता है। स्पेस स्टेशन के भविष्य की रूपरेखा तैयार करने वाली नई योजनाओं ने इसका खुलासा किया है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को 1998 में लॉन्च किया गया था।
फुटबॉल के आकार की यह स्पेस लैब धरती से करीब 420 किमी की दूरी पर स्थित है और पृथ्वी की परिक्रमा कर रही है। इसमें 19 अलग-अलग देशों के 200 से अधिक अंतरिक्ष यात्री रिसर्च और मिशन के उद्देश्य से सवार हो चुके हैं। यह स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में लगातार मानव उपस्थिति को बनाए रखता है। नासा का कहना है कि व्यावसायिक रूप से संचालित स्पेस प्लेटफॉर्म साइंटिफिक रिसर्च के लिए आईएसएस की जगह लेंगे।
प्राइवेट सेक्टर के साथ अनुभव शेयर करेगा नासा : नासा हेडक्वार्टर में कमर्शियल स्पेस के निदेशक फिल मैकलिस्टर ने एक बयान में कहा कि प्राइवेट सेक्टर नासा के सहयोग से तकनीकी और आर्थिक रूप से कमर्शियल लो-अर्थ ऑर्बिट डेस्टिनेशन्स को विकसित करने और संचालित करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि हम अंतरिक्ष में सुरक्षित, विश्वसनीय और कम लागत वाले प्लेटफॉर्म विकसित करने में मदद करने के लिए प्राइवेट सेक्टर के साथ अपने अनुभव और सबक साझा करेंगे।
प्वाइंट निमो में गिरेगा आईएसएस : मैकलिस्टर ने कहा कि हमने जो रिपोर्ट कांग्रेस को सौंपी है, उसमें हमने 2030 में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की रिटायरमेंट के बाद कमर्शियल डेस्टिनेशन्स का ट्रांजिशन सुनिश्चित के लिए अपनी व्यापक योजना के बारे में विस्तार से बताया है। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ट्रांजिशन रिपोर्ट में, नासा ने कहा कि आईएसएस को धरती पर गिराने के लिए दक्षिण प्रशांत महासागरीय निर्जन क्षेत्र के रूप में जाने वाले क्षेत्र को चुना गया है, जिसे प्वाइंट निमो भी कहा जाता है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि आईएसएस को जनवरी 2031 में ऑर्बिट से बाहर निकाला जाएगा।
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