दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट को भारत के खिलाफ पहले टेस्ट से पूर्व एक और विवाद का सामना करना पड़ा है जो उसके कुछ पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों के खिलाफ नस्ली पूर्वाग्रह के आरोपों से जुड़ा है। हालांकि दक्षिण अफ्रीकी टेस्ट टीम के कप्तान डीन एल्गर ने कहा है कि उनकी टीम का ध्यान दुनिया की ‘सर्वश्रेष्ठ टीम’ के खिलाफ पेशेवर प्रदर्शन करने पर टिका है।
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट को पिछले 24 महीने में प्रशासनिक संकट का सामना करना पड़ा है और इसका प्रभाव इतना अधिक है कि एल्गर को याद नहीं कि इस समय देश के क्रिकेट का संचालन कौन कर रहा है। इतना ही नहीं खेल को नस्ली भेदभाव के आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है।
पिछले महीने सामाजिक न्याय और राष्ट्र निर्माण आयोग (एसजेएन) ने अपनी रिपोर्ट में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान और क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) के मौजूदा निदेशक ग्रीम स्मिथ, मौजूदा मुख्य कोच मार्क बाउचर और पूर्व बल्लेबाज एबी डिविलियर्स पर खिलाड़ियों के खिलाफ नस्ली रूप से ‘पूर्वाग्रह से ग्रसित आचरण’ में शामिल होने का आरोप लगाया था।
एसजेएन ने सीएसए पर भी नस्ल के आधार पर खिलाड़ियों के खिलाफ भेदभाव के आरोप लगाए। भारत के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट से पूर्व मीडिया से वर्चुअल बातचीत में एल्गर से उम्मीद के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट से जुड़े मौजूदा विवाद पर सवाल पूछा गया लेकिन उन्होंने कहा कि टीम इससे काफी अधिक प्रभावित नहीं है।
बकौल एल्गर, ‘नहीं, यह हमारे लिए काफी मुश्किल नहीं है। एक खिलाड़ी के रूप में पिछले डेढ़ साल में हमें बुरी खबरें सुनने की आदत पड़ गई है। हम इनसे सामंजस्य बिठाने का प्रयास करते हैं। बेशक इस तरह की सुर्खियां बनना आदर्श स्थिति नहीं है। हम सिर्फ अपने क्रिकेट पर ध्यान लगाना चाहते हैं। हम भारत के खिलाफ कड़ी श्रृंखला खेलने पर ध्यान लगाना चाहते हैं। उनका दोबारा दक्षिण अफ्रीका में आना शानदार है।’
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘हमारे लिए यह सब क्रिकेट पर ध्यान लगाने से जुड़ा है, अगले कुछ दिन तैयारी पर ध्यान लगाना, अपने क्रिकेट कौशल को सुधारना।’ एल्गर ने हालांकि कहा कि सीएसए प्रशासन में अस्थिरता से निपटना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘प्रशासन के नजरिए से काफी अधिक स्थिरता नहीं है। इतने सारे प्रशासक हैं कि हमें पता ही नहीं कि अभी कौन जिम्मेदारी निभा रहा है। उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सीएसए में अधिक स्थिरता आएगी।’
एल्गर ने कहा कि उन्हें मलाल है कि कोच और टीम प्रबंधन को पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि खिलाड़ियों के नजरिए से हम अपने कोच का समर्थन करते हैं, हमें उन्हें काफी प्यार देने की जरूरत है। मुझे लगता है कि कभी कभी वे इतनी अधिक मेहनत करते हैं… यह सबसे बड़ी चीज है (जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता) क्योंकि मुझे पता है कि वे पर्दे के पीछे क्या करते हैं।’
एल्गर के मुताबिक, ‘यह देखकर अच्छा नहीं लगता कि पर्दे के पीछे से शानदार काम करने के बावजूद कोच को आलोचना का सामना करना पड़ता है।’ यह पूछने पर कि लगातार विवाद से टीम के माहौल पर कैसे असर पड़ता है तो एल्गर ने कहा कि मैदान के बाहर जो भी हो खिलाड़ियों को अपना काम करना होता है।