23.9 C
Madhya Pradesh
November 22, 2024
Pradesh Samwad
देश विदेश

तेल और गैस के आयात पर लगाएंगे पूर्ण प्रतिबंध, रूस को बड़ा झटका देने की तैयारी में G7 देश

यूक्रेन पर आक्रमण करने के कारण रूस को पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। अब अमेरिका ने कहा है कि जी-7 के देश रूसी तेल के आयात को चरणबद्ध तरीके से कम करने या प्रतिबंधित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बाइडेन प्रशासन ने एक बयान जारी कर बताया कि यह रूस की अर्थव्यवस्था के सबसे मजबूत हिस्स पर कड़ा प्रहार करेगा। इससे रूस को युद्ध के लिए जरूरी पैसे नहीं मिल पाएंगे। जी 7 देशों में फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। अर्थव्यवस्था के मामले में इनमें से कई देश देश दुनिया में शीर्ष पर काबिज हैं।
रूसी तेल पर प्रतिबंध को लेकर नाटो एकमत नहीं : पश्चिमी देशों ने अब तक रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की अपनी घोषणाओं में समन्वय दिखाया है। लेकिन, जब रूसी तेल और गैस की बात आती है तो मित्र देशों की राय भी अलग-अलग हो जाती है। नाटो में शामिल कई देश रूसी तेल और गैस के सबसे बड़े उपयोगकर्ता हैं। ऐसे में उन्हें अचानक प्रतिबंध लगाने में परेशानी आने लगती है। रूसी तेल और गैस पर सबसे पहले अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि वह अपनी ऊर्जा जरूरतों का काफी कम आयात करता है।
रूसी तेल और गैस पर निर्भर हैं यूरोपीय देश : वहीं, अमेरिका के उलट यूरोपीय देश रूसी तेल और गैस पर काफी हद तक निर्भर हैं। यूरोपीय संघ ने पहले ही कहा है कि वह इस साल रूसी गैस पर अपनी निर्भरता में दो-तिहाई की कटौती करने का लक्ष्य बना रहा है, हालांकि जर्मनी ने पूर्ण बहिष्कार के आह्वान का विरोध किया है। इसके बाद से यूरोपीय देशों और अमेरिका के बीच बहिष्कार के मुद्दे पर बातचीत जारी है।
अमेरिका ने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों का ऐलान किया : G7 ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस साल तीसरी बैठक की। इसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने भाग लिया। इस बैठक के बाद व्हाइट हाउस ने रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों की भी घोषणा की है। इसमें रूसी मीडिया, कंपनियों और धनी व्यक्तियों को लक्षित किया गया है। अमेरिका ने ज्वाइंट स्टॉक कंपनी चैनल वन रशिया, टेलिविजन स्टेशन रशिया-1 और ज्वाइंट स्टॉक कंपनी एनटीवी ब्रॉडकास्टिंग पर प्रतिबंध लगाया है।
क्या है G-7? : जी-7 दुनिया की 7 बड़ी विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, जर्मनी, इटली और कनाडा शामिल हैं। इसकी पहली शिखर बैठक 1975 में हुई थी लेकिन तब इसके सिर्फ 6 सदस्य थे। 1976 में कनाडा भी इसके साथ जुड़ गया जिसके बाद इसे ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ नाम मिला। इस बार से शिखर सम्मेलन के लिए जी-7 के अध्यक्ष के नाते ब्रिटेन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को आमंत्रित किया है।

Related posts

ताइवान में चीन के घुसते ही हमला कर देंगे अमेरिका और जापान ! टेंशन में ‘ड्रैगन’

Pradesh Samwad Team

माफी मांगने और दया याचिका में फर्क है, ओवैसी के बयान पर संघ का पलटवार

Pradesh Samwad Team

‘हाथ काटना बहुत जरूरी है’… तालिबान नेता मुल्ला तुराबी बोला- सख्त इस्लामी कानून लागू करेंगे, फांसी भी देंगे

Pradesh Samwad Team