कई हफ्ते बीत जाने के बाद भी चीन और ताइवान के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। छोटा सा देश ताइवान ‘ड्रैगन’ की हर हरकत का बढ़-चढ़कर जवाब दे रहा है। ताइवान को खुले तौर पर अमेरिका और जापान का समर्थन मिल रहा है। बढ़ते तनाव के बीच एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि जापान और अमेरिका के सशस्त्र बलों ने ताइवान में संभावित इमरजेंसी के लिए एक ज्वाइंट ऑपरेशन का ड्राफ्ट प्लान तैयार किया है।
जापान की क्योडो न्यूज एजेंसी ने गुरुवार को अज्ञात जापानी सरकार के सूत्रों के हवाले से यह दावा किया। चीन लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है। चीन ने बीते दो सालों में अपने संप्रभुता के दावों पर जोर देने के लिए सैन्य और राजनयिक दबाव बढ़ा दिया है। चीन के इस रवैये ने ताइपे में गुस्सा और वाशिंगटन में गहरी चिंता पैदा कर दी है। ताइवान की सरकार का कहना है कि वह शांति की पक्षधर है लेकिन जरूरत पड़ने पर वह अपना बचाव करेगी।
गोला-बारूद और ईंधन देगा जापान : रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लान के तहत यूएस मरीन कॉर्प्स नानसेई द्वीप श्रृंखला पर अस्थायी ठिकाने स्थापित करेगी और सैनिकों को भी तैनात करेगी। यह श्रृंखला जापान के क्यूशू से ताइवान तक फैली हुई है। जापानी सशस्त्र बल गोला-बारूद और ईंधन आपूर्ति जैसी चीजों में सैन्य मदद करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक जापान और अमेरिका अगले साल की शुरुआत में विदेश और रक्षा मंत्रियों की ‘2+2’ बैठक में एक आधिकारिक प्लान तैयार करने के लिए एक समझौता कर सकते हैं।
अमेरिकी सैनिकों पर गोली चलाने से पीछे नहीं हटेगा चीन : वहीं चीन ने कहा है कि अगर ताइवान को बचाने के लिए अमेरिकी सैनिकों को भेजा गया तो वह उनपर भी गोली चलाने से नहीं हिचकेगा। इसके एक दिन पहले ही चीन ने ताइवान के वायुक्षेत्र में अपने 13 लड़ाकू विमानों की घुसपैठ करवाई थी। चीन की राज्य समर्थित मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने चेतावनी दी है कि अमेरिका को दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में उलझने के बजाए अपनी परेशानियों को हल करना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के बयान की भी आलोचना की है।