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November 25, 2024
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काबुल एयरपोर्ट ब्लास्ट पर भड़का तालिबान, बोला- अमेरिकी सेना के हवाले थी उस इलाके की सुरक्षा

काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए दो आत्मघाती हमलों को लेकर तालिबान भड़का हुआ है। तालिबान ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह धमाका उस इलाके में हुआ जो अमेरिकी सेनाओं के नियंत्रण में है। तालिबान ने पूरे इलाके की सुरक्षा को बढ़ाने का भी ऐलान कर दिया है। इस हमले में अबतक 13 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 52 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। हमले में अमेरिकी सेना के चार मरीन सैनिकों के मौत की भी पुष्टि हुई है।
तालिबान बोला- अमेरिकी सेना के इलाके में हुई घटना : तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि उनका संगठन गुरुवार को हुए हमले की कड़ी निंदा करता है और सुरक्षा पर पूरा ध्यान दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस इलाके में हमला हुआ उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी अमेरिकी सेना के हाथ में थी। उन्होंने यह नहीं बताया कि क्या इसमें तालिबान के लड़ाके भी मारे गए हैं।
तालिबान ने 13 लोगों के मौत की पुष्टि की : वहीं, तालिबान के एक और प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि मैं पुष्टि करता हूं कि अमेरिकी बलों द्वारा प्रबंधित क्षेत्र में लोगों के बीचदो विस्फोट हुए हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों में कहा गया है कि 13 लोग मारे गए हैं और 52 घायल हुए हैं। हम इस वीभत्स घटना की कड़ी निंदा करते हैं और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
काबुल एयरपोर्ट के बाद पकड़े गए थे चार आतंकी : तालिबान ने कुछ दिन पहले ही काबुल एयरपोर्ट के बाहर से आईएसआईएस के चार आतंकियों को पकड़ा था। ये आतंकी एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों की रेकी कर रहे थे। इस बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने पुख्ता जानकारी दी थी कि एयरपोर्ट के बाहर आईएसआईएस के आतंकी कभी भी हमला कर सकते हैं। वाइट हाउस ने भी कहा था कि अमेरिकी सैनिक जितने दिन काबुल एयरपोर्ट पर रुकेंगे, उनके ऊपर हमले के खतरा उतना ही ज्यादा बढ़ेगा।
आईएसआईएस का शक्ति प्रदर्शन : तालिबान के प्रवक्ता जबिउल्लाह मुजाहिद ने एक दिन पहले ही दावा किया था कि अफगानिस्तान की धरती से इस्लामिक स्टेट का सफाया कर दिया गया है। तालिबान ने तो साफ-साफ कहा था कि वह इस्लामिक स्टेट को अपने देश में पांव पसारने की अनुमति नहीं देगा। ऐसे में माना जा रहा है कि आईएसआईएस ने आज के हमले से यह संदेश देने की कोशिश की है कि अफगानिस्तान की धरती पर वह अब भी एक बड़ी ताकत है।

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