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November 22, 2024
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ओसामा जैसा ऑपरेशन मसूद अजहर के खिलाफ भारत के लिए क्यों है मुश्किल

आतंक के आका और भारत के दुश्मन नंबर वन मसूद अजहर के खिलाफ अमेरिका जैसा ही कोई ऑपरेशन करना चाहिए। कई बार यह कहा जाता है कि जैसे अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा को ठिकाने लगा दिया वैसा भारत को भी करना चाहिए। क्या यह वाकई इतना आसान है जैसा कहा जाता है। हमारे सहयोगी टाइम्स नाउ नवभारत की रिपोर्ट बताती है कि ऐसा कर पाना मुश्किल है क्योंकि उसकी सुरक्षा कड़ी है और आस- पास कई महत्वपूर्ण बिल्डिंग है।
पाकिस्तान की नई चाल, हथियारबंद ड्रोन के लिए पुरानी एयरस्ट्रीप कर रहा ठीक : जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का पहला ठिकाना उस्मान-ओ-अली मस्जिद के ठीक बगल में स्थित है, जो राष्ट्रीय हड्डी रोग अस्पताल के पास है। पास में ही एक मस्जिद है। बगल में एक जहां हॉस्पिटल है उस जगह अजहर के खिलाफ ओसामा जैसा ऑपरेशन करना लगभग असंभव हो जाता है। उसका दूसरा घर जामिया मस्जिद के बगल में है, जो बहावलपुर हाई कोर्ट बेंच से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है। साथ ही जिला कलेक्टर का कार्यालय 3 किमी दूर है।
ओसामा बिन लादेन को मार गिराए जाने के बाद पड़ोसी मुल्क की ओर से अजहर की सुरक्षा को लेकर अलग ही प्लान बनाया गया है। पाकिस्तान ने यह सुनिश्चित किया है कि अजहर के ठिकाने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रहे ताकि उसे बचाया जा सके। भारत के दुश्मन नंबर वन के लिए बहावलपुर एक सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। उसके दोनों घरों की सुरक्षा पाकिस्तान के सुरक्षाबल करते हैं। मसूद दुनिया की नजरों में न आए इसके लिए भी पाकिस्तान ने पूरा बंदोबस्त किया है।
बहावलपुर से ही मसूद अपनी आतंकी फैक्‍ट्री चलाता है। बहावलपुर में छिपा बैठा अजहर पाकिस्तानी सरकार की ओर से मुहैया कराई जा रही सुविधाओं के मजे लूट रहा है। वह यहीं से पाकिस्‍तान की सरपरस्‍ती में भारत के खिलाफ आतंकी साजिश की योजनाएं बनाता हैं। यहीं से वह जेहाद के लिए टेरर टेप जारी करता है और जहरीले बोल बोलता है। धर्म के नाम पर युवाओं को बरगलाने वाला एक ऐसा ही ऑडियो टेप चैनल के हाथ लगा है। ये वो तमाम कारण हैं जिसके बाद उसके खिलाफ ऑपरेशन मुश्किल हो जाता है।

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