प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में नए भारत का निर्माण हो रहा है, एक ऐसा भारत जो आधुनिकता के साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करता हो, एक ऐसा भारत जो आत्मनिर्भर बनने को संकल्पित है, जनसंघ के आदर्शों को आज हम जिन कृतिरूप में देख पा रहे, उसमें उनके अथक परिश्रमों का योगदान अप्रतिम है। मुझे उनके नेतृत्व के कई आयामों को नजदीक से अनुभव करने का अवसर मिला। एकता यात्रा हो, गुजरात का महाविनाशक भूकंप हो, गुजरात का सर्वांगीण विकास हो या फिर अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए आवश्यक कठोर प्रशासक के रूप में मोदी जी ने प्रत्येक दायित्व को निष्ठा से निभाया है।
आज मोदी जी के प्रधानमंत्री रहते हुए, भारत पुन: समृद्धशाली, शक्तिशाली, वैभवशाली, सम्पन्न और सशक्त होने के गौरव को प्राप्त कर रहा है। उनके नेतृत्व के सात वर्ष हमारे इतिहास के स्वर्णिम वर्षों में से एक हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति “जीरो टोलेरेंस के कारण, विश्व मंच पर आंतकी फंडिंग पर कार्रवाई और भारतीय सेना के सशक्तीकरण के परिणाम स्वरूप सीमा पर आतंक के खात्मे से साफ नजर आ रहे हैं। राष्ट्र की अखंडता, संप्रभुता और हितों की रक्षा की प्रतिबद्धता उनके नेतृत्व में स्थापित हुई है, सीमा सुरक्षा के लिये सामरिक महत्व के प्रोजेक्ट को पूरा करने की प्रतिबद्धता व प्राथमिकता अप्रतिम उदाहरण है।
लद्दाख और जम्मू काश्मीर को भारत की मुख्यधारा से जोड़ने के लिये धारा 370 और 35ए को खत्म करना हो या फिर रक्षा क्षेत्र में शक्तिमान भारत और आत्मनिर्भर भारत से रक्षा उत्पादन क्षेत्र में रिफोर्म वर्षों की जंग खाई व्यवस्थाओं पर आघात करते हैं। डोकलाम विवाद हो या फिर अपनी पसंद की जगह और समय पर राष्ट्रहितों के लिए की गई “सर्जिकल स्ट्राइक” हो उनके नेतृत्व का दर्शन कराती है।
“विकास के प्रकाश” को संपूर्ण भारत में पहुंचाने के यज्ञ में, मध्यप्रदेश भी कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुरुप मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया गया है, हम मध्यप्रदेश में “मेक इन इंडिया और ईज आफ डूईंग बिजनेस के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उनके सर्व समावेशी विकास में गरीब, किसान, महिलाओं व पिछड़े वर्गों के आर्थिक उन्नयन के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उनके द्वारा क्रियान्वित हर योजना को शब्द और आत्मा से मध्यप्रदेश भी पूरा करने में जुटा है, विशेषकर पीएम आवास, उज्वला, महिला स्वसहायता, फसल बीमा योजना, कौशल विकास जैसी अति महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन में हम पूरे प्रयास कर रहे हैं। उनके भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस” व “ना खाऊंगा न खाने दूंगा” जैसे प्रयासों का हमें भी लाभ मिला है। जेम, जनधन, आधार और मोबाईल की त्रिवेणी में आज मध्यप्रदेश के करोड़ों लोगों तक बिना बाधा के सहायता पहुंच रही है।